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सरकारी विभागों से काओ सेस आने की राह देख रहा निगम

विनय शौर, मोगा : काओ सेस को इकट्ठा करने में नगर निगम मोगा फिसड्डी साबित होता जा रहा है। 2016 म

By JagranEdited By: Published: Tue, 23 Jan 2018 01:02 AM (IST)Updated: Tue, 23 Jan 2018 01:02 AM (IST)
सरकारी विभागों से काओ सेस आने की राह देख रहा निगम
सरकारी विभागों से काओ सेस आने की राह देख रहा निगम

विनय शौर, मोगा :

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काओ सेस को इकट्ठा करने में नगर निगम मोगा फिसड्डी साबित होता जा रहा है। 2016 में अकाली-भाजपा सरकार द्वारा राज्य भर में लागू किए गए काओ सेस का अभी तक मोगा निगम महज 48 लाख रुपये इकट्ठा कर सका है, जबकि करोड़ रुपये से अधिक का बकाया अभी विभिन्न विभागों से इकट्ठा करना शेष है। दिलचस्प है कि दो व चार पहिया वाहनों के एजेंसी मालिक तो दूर पावरकॉम लोगों से काओ सेस के नाम पर पैसे तो इकट्ठा कर रहा है, लेकिन निगम के पास उस राशि को जमा नहीं करवा रहा। लाखों रुपये की बकाया राशि को यदि पावरकॉम निगम के पास जमा करवाता भी है तो उस समय दोनों विभागों में बकाया राशि पर लगने वाले ब्याज को लेकर फिर से सवालिया निशान लगेंगे। निगम के अधिकार क्षेत्र में स्थित सभी पेट्रोल पंप इस समय डीजल और पेट्रोल पर दस पैसे प्रति लीटर के हिसाब से काओ सेस इकट्ठा कर रहे हैं, लेकिन इस राशि को निगम के पास नियमित रूप से जमा नहीं करवाया जा रहा है। पेट्रोल पंप कभी कभार अपनी मर्जी से खाद्य आपूर्ति विभाग के पास काओ सेस का पैसा जमा करवा रहे हैं, लेकिन आज तक इस बात की जांच किसी पेट्रोल पंप पर नहीं की गई कि उसने कितना डीजल पैट्रोल खरीदा और कितना बेचा। निगम अधिकारियों का कहना है कि यदि काओ सेस उनके पास नियमित रूप से इकट्ठा हो तो ही उस राशि से शहर में घूमने वाले लावारिस पशुओं का कोई स्थाई समाधान किया जा सकेगा।

सीमेंट बैग पर लिया जा रहा एक रुपये प्रति बैग काओ सेस

निगम के अधिकार क्षेत्र में सीमेंट के कारोबारी लोगों से एक रुपये प्रति बोरी काओ सेस इकट्ठा तो कर रहे हैं, लेकिन उसे निगम के पास जमा नहीं करवा रहे। निगम के पास अभी तक सरकार ने ऐसा कोई अधिकार नहीं दिया है, जिसके जरिए वह काओ सेस जमा न करवाने पर सख्ती दिखा सकें। काओ सेस के नाम पर लाखों रुपये इकट्ठा करने वाले कारोबारी काओ सेस की आड़ में भ्रष्टाचार नहीं कर रहे इससे इंकार नहीं किया जा सकता। जन्म-मौत का सर्टीफिकेट बनाने को लेकर भी काओ सेस लिया जा रहा है, लेकिन उसको लेकर भी कोई पैसा निगम के पास जमा नहीं हुआ है।

किस पर कितना काओ सेस

वर्ष 2016 के दौरान लावारिस पशुओं की संभाल के लिए लगाए गए काओ सेस को इकट्ठा करने के लिए अलग-अलग तरह से काओ सेस इकट्ठा करने का आदेश सरकार द्वारा किया गया।

बिजली बिल पर 2 पैसे प्रति यूनिट

-निगम के अधिकार क्षेत्र में बिकने वाले दो पहिया वाहनों पर 200 रुपये प्रति वाहन

-निगम के अधिकार क्षेत्र में बिकने वाले चार पहिया वाहनों पर 1000 रुपये प्रति वाहन

-मैरिज पैलेस (बिना एसी वाला) 250 रुपये प्रति मैरिज

-मैरिज पैलेस एसी सुविधा देने वाला 500 रुपये प्रति मैरिज

-सीमेंट के एक बैक पर 1 रुपया प्रति बैग

-देसी शराब और बीयर की एक बोतल पर 5 रुपये प्रति बोतल

-अंग्रेजी शराब की एक बोतल पर 10 रुपये प्रति बोतल

-आउटडोर विज्ञापन पर 2 फीसद कुल राशि पर

-निगम की किराए पर दी गई दुकानों पर 3 फीसद कुल किराए पर

-निगम के अधिकार क्षेत्र में डीजल या पेट्रोल पर 10 पैसे प्रति लीटर

-हाउस टैक्स की नकल लेने पर 50 रुपये प्रति नकल

-बि¨ल्डग एप्लीकेशन फीस 30 रुपये प्रति आवेदन

-जन्म व मौत सर्टिफिकेट पर 10 रुपये प्रति कापी

बकाया राशि इकट्टा करने को निकाल रहे नोटिस

नगर निगम में काओ सेस को इकट्ठा करने वाले जुगराज ¨सह का कहना है कि जिन विभागों ने बीते कई महीनों से काओ सेस निगम के पास जमा नहीं करवाया है उसे इकट्ठा करने के लिए विभागों को नोटिस जारी किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि नोटिस जारी करने के बाद भी किसी विभाग ने अभी तक काओ सेस को जमा नहीं करवाया है। इस पूरे मामले को निगम कमिश्नर के ध्यान में ला दिया गया है और सरकारी विभागों के पास बकाया काओ सेस को ब्याज के साथ इकट्ठा करने का प्रयास किया जाएगा।


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