असल खोखा संचालकों की पहचान करने में जुटा निगम
जागरण संवाददाता, मोगा: हाईकोर्ट के आदेश पर निगम के लिए अतिक्रमण को हटाना जरूरी हो चुका है और खोखा
जागरण संवाददाता, मोगा:
हाईकोर्ट के आदेश पर निगम के लिए अतिक्रमण को हटाना जरूरी हो चुका है और खोखा संचालक लगातार दूसरे दिन धरने पर बैठे हैं। मेयर अक्षित जैन का कहना है कि वह अतिक्रमण हटाने की आड़ में किसी से कोई धक्का नहीं होने देंगे। सीनियर डिप्टी मेयर का कहना है कि हरेक खोखा संचालक को बूथ मिलकर रहेगा। निगम को पता है कि कई खोखे इस समय सबलेट आधार पर चल रहे हैं। यदि निगम मौजूदा स्थिति के अनुसार ही बूथ अलाट करने का काम करता है तो एक बार फिर से कुछ लोग असल खोखा संचालकों का शोषण करेंगे। असल खोखा संचालकों की पहचान करने के बाद ही निगम 239 बूथ की अलाटमेंट के अंतिम रूप देगा।
विधायक से मिले प्रदर्शनकारी
पुरानी दानामंडी में 239 बूथों की अलाटमेंट को लेकर बुधवार सुबह खोखा संचालकों का एक प्रतिनिधि मंडल विधायक डॉ. हरजोत कमल से मिलने उनके घर पहुंचा। विधायक ने उन्हें विश्वास दिलाया कि निगम द्वारा बुधवार सायं छह बजे तक खोखे हटाने का एलान कर रखा है और वह निगम से खोखा संचालकों के लिए तीन से चार दिन की ओर मोहलत दिलाने का प्रयास कर सकते हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के आदेशों के विपरीत वह कोई फैसला नहीं ले सकते और निगम के साथ बैठकर बातचीत के जरिए इस पूरे मामले को सुलझाने का प्रयास किया जाएगा।
निगम कार्रवाई की तैयारी में
अवैध खोखे हटाने के लिए निगम अपनी ओर से पूरी तैयारी कर चुका है। खोखा संचालकों को नोटिस थमाने के साथ-साथ शहर में मुनादी करने का काम निगम पूरा कर चुका है। निगम द्वारा अतिक्रमण करने वाले खोखा संचालकों को चेतावनी दी गई है कि यदि वह बुधवार सायं छह बजे तक अपने खोखे हटाने का काम नहीं करते तो वीरवार सुबह निगम पुलिस सहायता लेते हुए खोखे हटाने का काम करेगा। निगम कमिश्नर जग¨वदर ¨सह ग्रेवाल भी साफ कर चुके हैं कि वह किसी भी कीमत पर हाईकोर्ट के आदेशों को नजरअंदाज नहीं कर सकते और अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करना उनकी मजबूरी है।
धरना देने वालों ने की निगम का विरोध करने की तैयारी
धरने दे रहे बूथ संचालकों ने अपने बूथ बंद रखते हुए दूसरे दिन धरना दिया। धरने पर बैठे बूथ संचालकों का कहना है कि वीरवार सुबह यदि निगम उन्हें बूथ अलाट किए बिना उनके खोखे हटाने का काम करता है तो वह निगम की कार्रवाई को रोकने के लिए किसी भी हद को पार करने के लिए मजबूर होंगे।