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कापी--कार तालाब में गिरी, तीन युवकों की मौत

संवाद सहयोगी, (मोगा) : कस्बा बधनीकलां के गांव बुट्टर में रविवार रात करीब साढ़े 11 बजे एक तेज रफ्त

By JagranEdited By: Published: Tue, 16 Jan 2018 01:00 AM (IST)Updated: Tue, 16 Jan 2018 01:00 AM (IST)
कापी--कार तालाब में गिरी, तीन युवकों की मौत
कापी--कार तालाब में गिरी, तीन युवकों की मौत

संवाद सहयोगी, (मोगा) : कस्बा बधनीकलां के गांव बुट्टर में रविवार रात करीब साढ़े 11 बजे एक तेज रफ्तार कार के तालाब में गिरने से उसमें सवार तीन युवकों की मौत हो गई। हादसे का मुख्य कारण कार की तेज रफ्तार और सड़क पर तालाब के किनारे रखे उपले बताए जा रहे हैं। उपले अच्छी तरह से सूखे नहीं थे जिस कारण ब्रेक लगाने पर फिसल गई और तालाब में गिर गई।

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पुलिस के अनुसार गांव बुटट्र के मंगलजीत ¨सह, मनप्रीत ¨सह दोस्त धर्मिदर सिंह की कार से रविवार को जगरांव में इंडिका कार नंबर एचआर-19डी-1260 में सवार होकर एक कार्यक्रम में शामिल होने गए थे। रात करीब साढ़े 11 बजे तीनों गांव लौट रहे थे। लौटते समय उनकी कार की स्पीड करीब 70 किलोमीटर थी और धर्मिदर खुद कार चला रहा था। गांव के तालाब के पास एक छोटे से मोड़ पर धर्मिदर ने कार को मिट्टी के ढेर पर चढ़ने से बचाने के लिए दाई ओर मोड़ दिया। सड़क के दाई ओर तालाब के किनारे पर गीले उपले थे जिन पर ब्रेक लगाते ही कार फिसल गई और तालाब के छोर से करीब 10 फीट दूर तालाब में गिर गई। तालाब के चारों ओर कोई दीवार भी नहीं है।

परिवारों के इकलौते बेटे थे तीनों

मंगलजीत सिंह, धर्मिदर सिंह और मनप्रीत तीनों युवक अपने परिवार के इकलौते बेटे थे। धर्मिदर का बधनीकलां में घड़ियां मरम्मत का काम था जबकि मंगलजीत व मनप्रीत रेडीमेड कपड़ों की दुकान में काम करते थे। मंगलजीत व धर्मिंदर की शादी हो चुकी थी और एक-एक बेटी के पिता थे।

रात भर करते रहे शवों को निकालने की कोशिश

एएसआइ बलधीर ¨सह का कहना है कि कार के तालाब में गिरने के बाद गांव के लोग रात भर तीनों युवकों को तालाब से बाहर निकालने की कोशिश करते रहे। रात में सिर्फ दो के ही शव बाहर निकाले जा सके जबकि एक शव सुबह निकाला गया। पुलिस ने 174 की कार्रवाई की है।

सड़क किनारे पड़े उपले बने तीन दोस्तों का काल

ग्रामीण इलाकों की सड़कों के आसपास आम देखा जा सकता है कि लोग यहां वहां से गोबर बीनने के बाद उसके उपले बनाकर सड़क किनारे रख देते हैं। ऐसा करना कितना घातक हो सकता है, इसका ताजा उदाहरण रविवार की रात को उस समय देखने को मिला, जब एक इंडिका कार उपलों से स्लिप होते हुए तालाब में जा गिरी और तीन घरों के चिराग हमेशा-हमेशा के लिए बुझ गए। मंगलजीत ¨सह, मनप्रीत ¨सह और धर्मिंदर ¨सह की मौत के बाद अब लोगों को अपनी लापरवाही और गलतियों का अहसास हो रहा है, लेकिन कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं है। गांव में तीनों युवकों के शवों को एक साथ अग्नि भेंट की गई और मौके पर मौजूद हरेक आंख नम थी।

तालाब की नहीं थी चार दीवारी

जिस तालाब में कार गिरने के बाद तीन दोस्तों की जान गई है, उस तालाब की चारदीवारी नहीं थी। हालांकि तालाब को चारों ओर से पक्का किया गया है, लेकिन तालाब में कोई अनजाने में न गिरे, इसका कोई उचित प्रबंध नहीं किया गया था। तालाब की दीवारें जमीन के स्तर पर होने के कारण कोई राहगीर भी धुंध या अंधेरे में तालाब में गिर सकता है। गांव वासी मेहर ¨सह का कहना है कि कई बार तालाब की चारदीवार को ऊंचा उठाए जाने की बात चली है, लेकिन पंचायत ने हर बार इसे जरूरी न समझते हुए अधर में ही छोड़ दिया गया।

बधनीकलां का बाजार शोक में रहा बंद

बधनीकलां के दुकानदारों ने इस घटना के बाद शोक में पूरा बाजार सोमवार को बंद रखा। गांव वासियों का कहना था कि तीनों दोस्त एक दूसरे पर जान छिड़कते थे और तीनों की दोस्ती को लेकर लोग अक्सर बातें करा करते थे, लेकिन एक मामूली सी गलती के कारण तीनों दोस्त हमेशा के लिए दुनिया से अलविदा हो गए। तीनों युवकों के परिजन रो-रोकर बेहाल हैं और परिवार इस अनहोनी पर अभी भी विश्वास करने को तैयार नहीं है।


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