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मोगा के 17 पुलिसकर्मियों को किया गया जबरन रिटायर, कई और पर भी गिरेगी गाज, ये है वजह

तीन-तीन माह तक बिना किसी सूचना के मुलाजिम ड्यूटी से गायब रहते हैं और बाद में राजनीतिक संरक्षण के चलते बच निकलते हैं। अब ऐसे कर्मचारियों पर गाज गिरनी शुरू हो गई है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Fri, 09 Aug 2019 08:43 PM (IST)Updated: Sat, 10 Aug 2019 08:38 AM (IST)
मोगा के 17 पुलिसकर्मियों को किया गया जबरन रिटायर, कई और पर भी गिरेगी गाज, ये है वजह

मोगा [सत्येन ओझा]। सूबे के लगभग डेढ़ हजार पुलिस मुलाजिम फरलो मार रहे हैं। इनमें से कुछ को राजनीतिक संरक्षण है, कुछ तो विदेश में बस गए हैैं। डीजीपी दिनकर गुप्ता की सख्ती के बाद अब ऐसे मुलाजिमों का जो रिकॉर्ड निकलकर आ रहा है, उसे देखकर पुलिस अधिकारी भी हैरान हैं।

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तीन-तीन माह तक बिना किसी सूचना के मुलाजिम ड्यूटी से गायब रहते हैं और बाद में राजनीतिक संरक्षण के चलते बच निकलते हैं। मोगा में अब तक ऐसे 64 मुलाजिमों की पहचान कर ली गई है। इनमें से जिले केविभिन्न थानों में तैनात 17 पुलिस मुलाजिम को जबरन रिटायरमेंट दे दी गई है। इसकी पुष्टि एसपी (एच) रतन सिंह बराड़ ने की है।

जबरन रिटायर किए जाने वाले पुलिस मुलाजिम पांच या पांच से अधिक बार बिना सूचना ड्यूटी से गायब रहने पर सजा पा चुके हैं। फिर भी उनके रवैये में सुधार नहीं हो रहा था। अब क्रमवार ऐसे मुलाजिमों को बर्खास्त करने की तैयारी कर ली गई है।

पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ड्यूटी से बिना सूचना लंबे समय तक गायब रहने वाले मुलाजिमों जिन पर पांच या पांच से अधिक बार कार्रवाई हो चुकी है, उन्हें सेवा से बर्खास्त करने के आदेश वर्ष 2010 में तत्कालीन डीजीपी ने दिए थे। ये आदेश फाइलों में ही दबकर रह गए थे। दिनकर गुप्ता के डीजीपी बनने के बाद पुराने आदेशों पर सख्ती से कार्रवाई शुरू की गई है। साल 2014 में जालंधर में तत्कालीन पुलिस कमिश्नर कुंवर विजय प्रताप ने ऐसे ही एक मामले में 150 दिन तक बिना सूचना के ड्यूटी से गायब रहने पर तीन मुलाजिमों हवलदार तेजिंदर सिंह, हवलदार रणजीत सिंह और सिपाही हरभजन सिंह को बर्खास्त किया था।

सूत्रों का कहना है कि डीजीपी ने सूबे के सभी एसएसपी व पुलिस कमिश्नरों को आदेश जारी कर बिना सूचना ड्यूटी से गायब रहने वाले मुलाजिमों की सूची तैयार कर उन्हें बर्खास्त करने के निर्देश जारी किए हैं। मोगा के एसएसपी अमरजीत सिंह बाजवा ने ऐसे मुलाजिमों की पहचान करने के लिए एसपी (एच) रतन सिंह बराड़ के नेतृत्व में तीन सदस्यीय कमेटी गठित की थी। कमेटी में डीएसपी बरिंदर सिंह गिल और जसपाल सिंह ढिल्लों भी थे।

102 दिन बिना सूचना गैरहाजिर

पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बिना सूचना ड्यूटी से गायब रहने वाले जिन मुलाजिमों की पहचान हुई है, उनमें सिपाही गुरदेव सिंह 73 बार ऐसा कर चुका है। वह कभी 102 दिन, कभी 100 दिन व कभी 89 दिन ड्यूटी से बिना सूचना गायब रहा है। सिपाही हरदीप सिंह 32 बार बिना सूचना ड्यूटी से गायब रहा है। एएसआइ नछत्तर सिंह भी 32 बार बिना सूचना ड्यूटी से गायब रह चुका है और हर बार उस पर अनुशासनात्मक कार्रवाई हुई है।

इन्हें किया जबरन रिटायर

एएसआइ कुलवंत सिंह, कांस्टेबल चरणजीत सिंह, हरदीप सिंह, एएसआइ जरनैल सिंह, दविंदर सिंह, मोहिंदर सिंह, छिंदरपाल सिंह, बलबिंदर सिंह, हरमेल सिंह, लखबीर सिंह, बलजिंदर सिंह, शिशन सिंह, कुलवंत सिंह, गुरदेव सिंह, चरणजीत सिंह, सुरिंदर कुमार व जरनैल सिंह शामिल हैं। ये सभी मोगा जिले में तैनात थे।

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