जिले में पराली को आग लगाने के 11 मामले आए सामने, जागरूकता अपील को दिखाया जा रहा ठेंगा
जिले में किसानों को जागरूक करने के लिए जहां पूरे प्रशासनिक अधिकारियों एवं कर्मचारियों की टीमें धान की पराली को आग न लगाने को लेकर दिन-रात प्रयासरत है। वहीं कुछ किसान इस मुहिम को सरेआम ठेंगा दिखाने का काम कर रहे हैं और बेखौफ होकर धान की पराली को आग लगा रहे है।
अश्विनी शर्मा/यश नौहरिया, मोगा : जिले में किसानों को जागरूक करने के लिए जहां पूरे प्रशासनिक अधिकारियों एवं कर्मचारियों की टीमें धान की पराली को आग न लगाने को लेकर दिन-रात प्रयासरत है। वहीं कुछ किसान इस मुहिम को सरेआम ठेंगा दिखाने का काम कर रहे हैं और बेखौफ होकर धान की पराली को आग लगा रहे है।
अधिकारियों द्वारा किसानों से बार-बार अपील की जा रही है कि फसलों का उत्पादन अगर हर वर्ष अच्छा चाहते है तो धान की पराली को आग न लगाकर बल्कि पराली को संचित कर गांठे बनाई जाएं या फिर इससे जमीन में ही उपयोग किया जाए। अन्यथा भविष्य में उपजाऊ भूमि भी अपनी उर्वरकता क्षमता को खोने लगेगी और किसानों को अधिक नुकसान भुगतना पड़ेगा। इसके अलावा वायु प्रदूषण भी स्वास्थ्य के लिए इस महामारी में अधिक नुकसान पहुंचाने में अपनी भूमिका निभाएगा। कुछ किसान अभी भी इस बात को गंभीरता से नहीं ले रहे। हालांकि प्रशासन का दावा है कि उक्त किसानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। - पराली को आग लगाने के 11 मामले आए सामने
जिले के मुख्य कृषि अधिकारी डॉ. बलविदर सिंह ने बताया कि अभी तक जिले के विभिन्न 11 स्थानों पर धान की पराली को आग लगाने के मामले सामने आए है। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन की ओर से सैटेलाइट के जरिए एक सप्ताह पहले ही 11 स्थानों को आग लगाने पर चिन्हित किया गया है। उन्होंने बताया कि सभी चिन्हित 11 स्थानों पर लगाई गई आग के चलते उक्त जमीन के मालिकों को नोडल अधिकारी द्वारा नोटिस भेज दिया गया है। - पराली को आग लगाने पर यह होगी कार्रवाई
सीएओ डॉ. बलविदर सिंह ने बताया कि जो भी किसान जिला प्रशासन द्वारा जारी हिदायतों की उल्लंघना करेगा तो उस किसान के खिलाफ नोडल अधिकारी द्वारा नोटिस भेजकर सूचित किया जाएगा तथा जिस भी किसान की धान की पराली को आग लगाने की पुष्टि होती है तो उसे डिविजन अनुसार निर्धारित चालान की राशि का भुगतान करना होगा। - नियमों का पालन करें, अन्यथा होगी कार्रवाई : डीसी
डीसी संदीप हंस ने बताया कि जिले में धान की पराली को आग न लगाने को लेकर जिला प्रशासन किसानों को जागरूक कर रहा है। अगर फिर भी किसान नियमों की पालना नहीं करता है तो जिला प्रशासन उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा। इसलिए अपनी जमीन की उपजाऊ शक्ति बनाए रखने के लिए जिला प्रशासन द्वारा जारी हिदायतों का पालन करें और पर्यावरण को स्वच्छ बनाएं रखने में सहयोग करे।