Move to Jagran APP

ऐतकीं एमएलए सरकार दी पार्टी दा ही बनाऊणा चाचा सियां

चुनावी मौसम में मानसा के हर गांव गली मोहल्ले में राजनीति की ही चर्चा है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Jan 2022 04:34 AM (IST)Updated: Wed, 19 Jan 2022 04:34 AM (IST)
ऐतकीं एमएलए सरकार दी पार्टी दा ही बनाऊणा चाचा सियां
ऐतकीं एमएलए सरकार दी पार्टी दा ही बनाऊणा चाचा सियां

गुरप्रेम लहरी ,चहलांवाली,मानसा

loksabha election banner

चुनावी मौसम में मानसा के हर गांव गली मोहल्ले में राजनीति की ही चर्चा है। मानसा के गांवों की चर्चा को जानने के लिए जागरण टीम मानसा जिले के विधानसभा हलका सरदूलगढ़ के गांव चहलांवाली में पहुंची। बस स्टाप के पास बने लक्कड़ के तख्तपोश पर ग्रामीण बैठे चर्चा कर रहे हैं। ताश अब तक डिब्बी में ही पड़ी है। यानि कि ताश से जरूरी बातें हैं जो उनके जहन में हैं और उसी पर चर्चा कर रहे हैं।

सामने बैठे एक अधेड़ उम्र के व्यक्ति ने बात शुरू की। उन्होंने जवान से पूछा, 'इस बार क्या लगता भाई?' यह सिर्फ सवाल नहीं था। बाकियों को भी समझने में देर नहीं लगी। जवान ने कहा, 'चाचा सियां, सरकार तां भांवे किसे दी वी बणे, आपां तां हर बार दी तरां सरकार दा विरोधी ही जिताऊणा हुंदा। तां चिता काहदी, आपां आपणी परपंरा नूं जारी ही रखांगे।' जवान की बात से जैसे सभी सहमत हो गए हों, क्योंकि सरदूलगढ़ हलका एकमात्र ऐसा हलका है, जिससे हर बार सरकार की विरोधी पार्टी का ही विधायक चुना जाता है। इस कारण हलके में विकास नहीं हो पाता।

पास बैठे बजुर्ग मघ्घर सिंह ने कहा, 'जे विरोधी पार्टी दे एमएलए आपां बणांउदे हां तांही तां सारे हल्कियां तो पिछड़े होये हां। होर तां होर पिड नूं बस अड्डा वी नसीब नहीं होया। सर्दी च ठंड मारदे रेहंदे हां ते गर्मियां च गर्मी। ऐहो जेही चंद्री सरकार आई कि बस अड्डे ते जनानियां लई बाथरूम वी नहीं बना सकी। कोई ना देखदे हां ऐतकीं।'

इस दौरान पढ़े लिखे युवा सतवीर सिंह ने बात आगे बढ़ाई, 'पहलां साढे चार साल कुछ कीत्ता नहीं, ते जदों चार महीने सरकार दे रह गए, उदों अखे पिडा च जिम देने ऐ। सानें की एह चालां समझ नहीं आऊंदीयां?' जैसे जवाब के रूप में सभी के सामने सवाल रख दिया।

उनकी बात का जवाब देने के लिए जसवंत सिंह आगे आया। उन्होंने कहा, 'समझ तां शेरां गल्लां सारियां आऊंदीयां। पर वोटां वेले मेरे तेरे वरगे ही वख-वख पार्टियां दे झंडे चुक के तुरे फिरदे हन, अखे इसनू वोट पाओ। करना कराऊणा किसे ने कख नहीं हुंदा। अपने पिड वाले वाटर वा‌र्क्स दा ही हाल देख लै। सारा पिड एस दा पानी पींदा, पर हाले तक इसदा पानी साफ नहीं कीता गया सरकारां कोलों तां। होर एहनां ने की करना।' बातें तो अभी ढेर सारी करने वाली पड़ी थीं कि चाचा जसवंत यह कहते हुए खड़े हो गए. 'यार पशुओं दे दुध की चुआई दा समां हो गया। बाकी गल्लां फेर करांगे, पर वोट इस वार सोच समझ के ही पाणी ए। ऐतकीं एमएलए सरकार दी पार्टी दा ही बनाऊणा चाचा सियां।'


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.