कैप्टन सरकार की पोल खोलते स्लोगन लिख रहे बेरोजगार नौजवान
सार्वजनिक प्रदर्शन करने पर लगाई पाबंदी उपरांत बेरोजगार नौजवानों ने संघर्ष के लिए नया रास्ता अपनाया है।
जासं, मानसा : कोरोना संकट के चलते सरकार ने सार्वजनिक प्रदर्शन करने पर लगाई पाबंदी उपरांत बेरोजगार नौजवानों ने संघर्ष के लिए नया रास्ता अपनाया है। युवक रोजगार की मांगें उभारते हुए नारे लिखने की मुहिम शुरू की है। यूनियन द्वारा अब इस मुहिम को प्रत्येक गांव और शहरों की गली तक पहुंचाने की मुहिम शुरू कर दी है। बेरोजगारों द्वारा अपनी मांगे सरकार तक पहुंचाने की मुहिम निरंतर बढ़ती जा रही है और बेरोजगार मल्टीपर्पज हेल्थ वर्करों द्वारा फ्लाईओवर की दीवारें, सड़कों के डिवाइडरों और खंभों के ऊपर बेरोजगार को रोजगार देने, उनकी आयु में बढ़ावा देने, घर-घर नौकरी देने के वादों और हेल्थ वर्करों की भर्ती के पदों में बढ़ावा करने आदि के नारे लिखे जा रहे हैं। बेरोजगारों द्वारा नारे लिखने की यह मुहिम अब गांवों में शुरू हो गई और गांवों में कैप्टन सरकार की पोल खोलते नारे लिखे जा रहे हैं।
कोरोना महामारी की आड़ में पंजाब सरकार द्वारा अपने हकों के लिए रोष प्रदर्शन करने वाले बेरोजगार नौजवानों के रोष प्रदर्शन पर रोक लगाई हुई है, लेकिन मल्टीपर्पज हेल्थ वर्कर यूनियन द्वारा अपनी मांगो को उठाने का नया तरीका निकाल लिया है।
यूनियन मानसा, सुनाम रोड, बठिडा, बरनाला व भीखी रोड के अनेक स्थानों पर अपनी मांगें मनवाने के लिए दीवारों पर स्लोगन लिखे जा रहे हैं। प्रधान सुखविदर सिंह ढिल्लवां ने कहा कि कोरोना महामारी में अपनी मांग को पूरा करवाने के लिए नए तरीके का प्रयोग करना होगा, क्योंकि 13 जुलाई को यूनियन द्वारा पटियाला में मुख्यमंत्री आवास का घेराव करना था। लेकिन पुलिस ने जत्थेबंदी के नेताओं को पहले ही घर से उठाकर रोष प्रदर्शन को विफल कर दिय है। इस लिए यूनियन ने फैसला किया है कि वह अपनी मांगो को लेकर नारे लिखेंगे। इस अवसर पर कुलदीप सिंह, अमृतपाल सिंह, हरविदर सिंह,अमरीक सिंह अलीशेर मौजूद थे।