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विद्यार्थियों की उगाई सब्जियों से महक रहा मिड डे मील का खाना

मानसा जिले के बागबानी विभाग द्वारा शुरू की गई स्कूल एडिबल गार्डन परियोजना के तहत बुढलाडा ब्लॉक के 87 गांवों के 70-80 सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी तंदरुस्त जीवन जीने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 04 Mar 2020 11:06 PM (IST)Updated: Thu, 05 Mar 2020 06:07 AM (IST)
विद्यार्थियों की उगाई सब्जियों से महक रहा मिड डे मील का खाना

कुलजीत सिंह सिद्धू, मानसा : पंजाब सरकार के मिशन तंदरुस्त पंजाब के तहत मानसा जिले के बागबानी विभाग द्वारा शुरू की गई स्कूल एडिबल गार्डन परियोजना के तहत बुढलाडा ब्लॉक के 87 गांवों के 70-80 सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी तंदरुस्त जीवन जीने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। स्कूलों के कक्षा 5वीं से 12वीं तक के विद्यार्थी गेहूं और धान की पराली का उपयोग कर बैंगन, मशरुम, हरी मिर्च, करेला, कद्दू, पालक, मेथी तथा अन्य पत्तेदार सब्जियां उगा रहे है और इनका सेवन मिड-डे- मील खाने में कर रहे है।

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पंजाब सरकार के बागबानी विभाग द्वारा अगस्त माह में मानसा जिले के बुढलाडा ब्लॉक के सरकारी स्कूलों में शुरू की एडीबल गार्डन मुहिम सफलता पूर्वक चल रही है। इस योजना के तहत बागबानी विभाग के सहयोग से स्कूलों में पड़े खाली स्थानों पर सभी सरकारी स्कूलों की पांचवी से दसवीं कक्षा तक के बच्चों को बैंगन, मशरूम, मिर्च, करेला, पालक व पत्तेदार सब्जिया पैदा करना सिखाया जा रहा है।

इन सब्जियों की पैदावार में खाद और कीटनाशक का प्रयोग न कर धान की पराली का उपयोग किया जा रहा है। एडीबल गार्डन योजना से खुश बुढलाडा के बागवानी विकास अफसर विपेश गर्ग ने बताया कि बुढलाडा के 87 गांवों में यह गार्डन स्थापित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि इसका डिजाइन जंगल पर आधारित है, क्योंकि जिस प्रकार जंगल में सब कुछ बिना खाद और कीटनाशक के पैदा होता है, उसी प्रकार इस योजना के तहत भी बिना खाद के सब्जियां पैदा की जा रही हैं।

बुढलाडा और अलग-अलग स्कूलों के अध्यापकों परमल सिंह, परमिंदर तांगड़ी, जगदीप कौर ने बताया कि इन स्कूलों में बच्चों द्वारा खुद तैयार की गई सब्जियों का सेवन मिड-डे- मील में किया जा रहाहै। बागबानी विभाग के सहयोग से मिड-डे-मील में होते सब्जियों के खर्च से भी उनको निजात मिली है। बोहा के सरकारी स्कूल के प्रिसिपल परमल सिंह ने बताया कि उन के स्कूल के करीब 100 बच्चों को राष्ट्रीय कौशल योजना फ्रेमवर्क के अंतर्गत मशरुम उगाना भी सिखाया जा रहा है। अध्यापिका जगदीप कौर ने कहा कि उनके स्कूल के बच्चे इन सब्जियों को बड़े ही शौक से खाते हैं। उन्होंने कहा कि जब बच्चे पढ़ाई के बाद थक जाते हैं तो गार्डन में आ कर ताजा भी महसूस करते हैं। एसडीएम बुढलाडा अदित्य डेचलवाल ने कहा कि मानसा में पानी का स्तर घट रहा है, क्योंकि किसानों द्वारा धान की बिजाई ज्यादा की जा रही है। फिर भी जिले के सीनियर अधिकारी अब तक के आ रहे नतीजों से खुश हैं। डेचलवाल ने कहा कि वह तहसील के 40 गांवों के 70-80 स्कूलों में बच्चों को फल और सब्जियां उगाना सिखा रहे हैं। उन्होंने बताया कि मिड-डे-मील की अवशेष से कंपोस्ट खाद बनाकर सब्जियों में खाद के तौर पर इस्तेमाल करा जा सकता है। इस मौके पर गुरविदर कौर, बब्बू कौर आदि छात्राओं ने कहा कि स्कूलों में पैदा हो रही सब्जियों से स्कूली बच्चे खुश है।


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