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अध्यापकों के तबादले के विरोध में फूटा गुस्सा

संस, मानसा : जिले के 13 अध्यापकों की सरकार द्वारा राज्य के दूर-दूर के गांवों में ट्रांसफर कर दिए जान

By JagranEdited By: Published: Fri, 09 Nov 2018 06:36 PM (IST)Updated: Fri, 09 Nov 2018 06:36 PM (IST)
अध्यापकों के तबादले के विरोध में फूटा गुस्सा
अध्यापकों के तबादले के विरोध में फूटा गुस्सा

संस, मानसा : जिले के 13 अध्यापकों की सरकार द्वारा राज्य के दूर-दूर के गांवों में ट्रांसफर कर दिए जाने से खफा चल रहे अध्यापकों ने विरोध जताते हुए कई दिन सरकार खिलाफ नारेबाजी करने के बाद अब अध्यापकों व उनके सहयोगी किसान संगठनों ने लोगों को जागरूक करने व सरकार के खिलाफ जिले के गांवों में नाटकों का मंचन शुरू कर दिया है। अध्यापकों का कहना है कि इसके बाद वह जिले के कांग्रेसी नेताओं के हलका इंचार्जों के आवास समक्ष रोष प्रदर्शन करेंगें।

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सांझा अध्यापक मोर्चा मानसा द्वारा आज गांवों तामकोट,भूपाल प्लाट, बुर्ज हरी व रल्ला में सरकार जगाओ रैलियां और नुक्कड़ नाटकों मंचन किया गया। इस तहत सरकार को चेतावनी दी कि सरकारी स्कूल को किसी भी सूरत में बेचने नहीं दिया जायेगा। उन्होंने ¨चता जताई कि सरकार अध्यापकों की जायज मांगों को नहीं मान रही है। शिक्षा को बचाने और अध्यापकों के अधिकारों की बात करने वाले अध्यापकों की दूर-दूर के स्थानों पर ट्रांसफर की जारी है।

सांझा मोर्चा द्वारा जिले के कांग्रेसी नेताओं के हलका इंचार्जों के घरों समक्ष किये जा रहे रोष प्रदर्शनों के अंतर्गत 11 नवंबर को मानसा हलका के कांग्रेसी इंचार्ज डॉ. मनोज बाला के आवास समक्ष रोष प्रदर्शन किया जा रहा है।

विभिन्न गांवों में जुड़े लोगों को संबोधित करते प्रो. बिकरजीत ¨सह साधूवाला ने कहा कि सरकारी स्कूल सुविधाओं को तरस रहे हैं। नेताओं ने मतदान के दौरान बड़े-बड़े दावे किए लेकिन जीतने के बात किसी ने अध्यापकों की समस्या का समाधान नहीं किया।

इस मौके पर अध्यापक नेताओं हंसा ¨सह, संजीव कुमार व रल्ला में पंजाब किसान सभा के नेता बल्ला ¨सह ने कहा कि पिछले लंबे समय से अध्यापक अपनी जायज मांगों के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं। उनको अपनी दीवाली भी सड़कों पर मनानी पड़ी। इसके बाद शांतिमय प्रदर्शन के दौरान दीवाली वाले दिन पटियाला पुलिस ने अध्यापकों से धक्कामुक्की की। इसी तरह मानसा में दीवाली से एक दिन पहले जिला प्रशासन ने पूरा दिन उनकी कोई बात नहीं सुनी बल्कि मांगपत्र देने जा रहे अध्यापकों से धक्कामुक्की की है, जोकि निंदनीय है।


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