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रोइंग में शगुनदीप ने जीते तीन गोल्ड मेडल

मानसा के गांव दलेलवाला में गरीबी से जूझ रहे व ट्रक पर कंडक्टरी करने वाले नौजवान शगनदीप सिंह ने बैंकाक में 27 से 31 मार्च तक हुए रोइंग खेल मुकाबले में 3 गोल्ड मेडल हासिल किए हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 13 Apr 2019 06:11 PM (IST)Updated: Sat, 13 Apr 2019 06:11 PM (IST)
रोइंग में शगुनदीप ने जीते तीन गोल्ड मेडल

नानक सिंह खुरमी, मानसा

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मानसा के गांव दलेलवाला में गरीबी से जूझ रहे व ट्रक पर कंडक्टरी करने वाले नौजवान शगनदीप सिंह ने बैंकाक में 27 से 31 मार्च तक हुए रोइंग खेल मुकाबले में 3 गोल्ड मेडल हासिल किए हैं। उसने यह गोल्ड मेडल थाईलैंड की टीम से कड़े मुकाबले दौरान सिगल, डबल और मिक्स मैचों में जीते हैं।

देश के लिए तीन गोल्ड मेडल जीतने वाले जिले के खिलाड़ी शगनदीप सिंह का मानसा रेलवे स्टेशन पर पहुंचने पर परिवार और गांववासियों ने भव्य स्वागत किया। वह 27 से 31 मार्च तक बैंकाक में हुई चैंपियनशिप की जूनियर खेलों में हिस्सा लेने गया था और उसने रोइंग में 3 गोल्ड मेडल जीते।

शगुनदीप सिंह ने बताया कि कि उनके पास 7-8 कनाल जमीन है जिससे परिवार का गुजारा करना बेहद मुश्किल है। मां संदीप कौर ने उसे बड़ी कठिनाईयों से पाला है। शगुनदीप जब छह महीने का था तो पिता जरनैल सिंह का निधन हो गया, बाद में शगुन का पालन-पोषण दादा जरनैल सिंह पूर्व सरपंच तथा चाचा बिदर सिंह ने किया। शगुनदीप ने बताया कि दादा जी का निधन हो गया है। परिवार में मां संदीप कौर, बड़ी बहन सर्बजीत कौर(विवाहित) तथा उसके चाचा बिदर सिंह हैं।

उसे याद है कि उसे गांव के दो क्लबों ने उसे करीब 14 हजार रुपये की आíथक मदद की गई, जिसे वह जिदगी भर याद रखेगा।

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चाचा के साथ ट्रक पर की थी कंडक्टरी

शगुनदीप ने बताया कि गांव के सरकारी स्कूल में आठवीं कक्षा तक पढ़ाई की। इसके बाद उसके घरेलू हालात कुछ इस प्रकार के बने की उसे पढ़ाई छोड़नी पड़ी। वह अपने चाचा बिदर सिंह के साथ ट्रक पर कंडक्टरी करने लगा। 2017 में उसके गांव के रोइंग खेलने वाले स्वर्ण सिंह विर्क की निगाह उस पर पड़ी विर्क उसे रोइंग खेलने के लिए चंडीगढ़ साथ ले गया और उसे चंडीगढ़ में कोच तेजिदर सिंह से मिलवाया। कोच ने उसका सिलेक्शन कर लिया। इसके बाद उसे राज्य की टीम में खेलने के लिए मौका मिला, जिसमें उसने सिलवर मेडल हासिल किया। बाद में उसका चयन इंडिया टीम में हो गया। वह अब जगतपुर में कोच पीटी पालस व इंद्रपाल कोच से रोइंग के गुर सीख रहा है।


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