अब धान रोपाई को लेकर किसान व मजदूर आमने-सामने
अगले कुछ ही दिनों में धान रोपाई शुरू हो जाएगी।
एसके शर्मा, बरेटा : अगले कुछ ही दिनों में धान रोपाई शुरू हो जाएगी। खेत मजदूरों और किसानों में धान की रोपाई के भाव को लेकर एकमत नहीं हैं। इस कारण पंचायत और किसान गुटबाजी का शिकार हो गए हैं। इससे गांवों में भाईचारक सांझ टूटने की कगार पर है। दूसरी ओर कोरोना वायरस को लेकर बाहरी राज्यों से आने वाले मजदूरों ने भी अपने घरों को रुख कर लिया है।
जिले में अनुसूचित जाति के मजदूरों की संख्या अधिक है। पंजाब सरकार और केंद्र सरकार में बैठे अनुसूचित जाति के नेताओं की चुप्पी भी अब लोगों की समझ आने लगी है।
कोरोना वायरस की महामारी के कारण दूसरे राज्यों से आने वाले मजदूरों की कमी को लेकर किसान भी अब स्थानीय मजदूरों पर निर्भर होना तय है। मगर इस बार मजदूरों द्वारा मांगे किसानों से मांगे जा रहे प्रति एकड़ रेट 4500 से 5000 तक के भाव दिए जाने बारे रेट तय किए जाने पर कुछ अमीर किसानों की छोटे किसानों से नोक झोंक व विवाद होने के बारे में भी जानकारी मिल रही है।
बहुत से गांवों में किसान खेत मजदूरों को 2500-3000 रुपये प्रति एकड़ भाव देने के लिए पंचायती प्रस्ताव डाले गए है। जबकि पंचायत, किसान जत्थेबंदी, मजदूरों को मिलकर कोई विकल्प नहीं मिल पा रहा। स्थानीय मजदूर ही इस काम के लिए सही रेट पर काम करने को राजी होते है,या नहीं यह तो समय ही बताएगा।