दो नहरों के टूटने से किसानों की फसल डूबी
मानसा नजदीक मूसा ब्राच और घरागना माइनर में कई स्थानों पर दरार पड़ने के कारण पकने पर आई खड़ी धान में पानी भर गया।
संस, मानसा : मानसा नजदीक मूसा ब्राच और घरागना माइनर में कई स्थानों पर दरार पड़ने के कारण पकने पर आई खड़ी धान में पानी भर गया। नहरों में दरार को बंद करने के लिए प्रशासन द्वारा बाद पानी बंद करवाया गया है। जिला अधिकारियों द्वारा मौके पर दौरा करने के बाद बाध पक्के तौर पर बंद करने के आदेश दिए गए हैं। बाध को बंद करने के लिए किसानों द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं। किसानों का कहना है कि तीन सौ एकड़ से अधिक क्षेत्रफल में पानी फैल गया है, जबकि ऊपर से बारिश पड़ने से खेतों में पहले ही पानी भरा हुआ है। यह नहर गाव चकेरिया, बप्पियाना और जवाहरके के खेतों में टूट गई है, जिस कारण इन तीनों गावों के लोग को बड़ी तकलीफ का सामना करना पड़ गया है।
नहरी महकमे से मिली जानकारी के अनुसार बप्पियाना में 100 फुट की दरार पड़ी है। जो भरने के बाद फिर टूट गई, जिस को बंद करने के लिए नए सिरे से प्रयास शुरू किए हुए हैं। इसी तरह जवाहरके में 35 फुट की दरार मूसा ब्राच में पड़ गई, जबकि घरागना माइनर में 25 फुट की दरार पड़ गई। इसको बंद करने के लिए बड़े स्तर पर प्रयास हो रहे हैं। नहर टूटने संबंधी लोकतात्रिक किसान सभा के नेता इकबाल सिंह फफड़े भाईके ने बताया कि इस दरार के पड़ने के कारण धान की फसल में पानी जाने लगा है। पानी का बहाव तेज होने के कारण दरार बढ़ती जा रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार मानसा जिले में से गुजरती मूसा ब्राच में दरार पड़ने के बाद सैकड़ों एकड़ फसल में पानी भर जाने से फसल पूरी तरह नष्ट हो गई है। यह दरार अभी तक भी बंद नहीं की गई है।
भारतीय किसान यूनियन एकता (उग्राहा) के जिला प्रधान राम सिंह भैणीबाघा ने आरोप लगाया कि सरकार द्वारा नहरों की समय पर सफाई न करवाई जाने के कारण किसानों को भारी आर्थिक नुक्सान झेलना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि लगभग एक महीने के बाद नहरों में बिना सफाई करवाए ही पानी छोड़ा गया था।
सिंचाई विभाग के एसडीओ राज कुमार वर्मा गाव बप्पियाना में नहर टूटने की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंचे और इस नहर की दरार को भरने के लिए प्रयास शुरू कर दिए गए हौं।