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अध्यापकों के प्रदर्शन पर पुलिस का लाठीचार्ज

संवाद सहयोगी, मानसा : मानसा जिले के 13 अध्यापकों की जबरन दूर के स्थानों पर की गई बदलियों के विरोध मे

By JagranEdited By: Published: Tue, 06 Nov 2018 06:38 PM (IST)Updated: Tue, 06 Nov 2018 06:38 PM (IST)
अध्यापकों के प्रदर्शन पर पुलिस का लाठीचार्ज
अध्यापकों के प्रदर्शन पर पुलिस का लाठीचार्ज

संवाद सहयोगी, मानसा : मानसा जिले के 13 अध्यापकों की जबरन दूर के स्थानों पर की गई बदलियों के विरोध में 12 गांवों में संघर्ष समितियों द्वारा किसानों, मजदूरों व मुलाजिम जत्थेबंदियों के सहयोग से डीसी दफ्तर मानसा के समक्ष अपनी मांगो को लेकर डीसी मानसा को ज्ञापन देने जा रहे थे, इस अवसर पर पुलिस ने रोक लगाते उन पर लाठीचार्ज किया व उन्हें वहां से दूर करने की कोशिशें की।

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इस अवसर पर डीसी दफ्तर के समक्ष पहुंच कर अध्यापक नेताओं ने एलान किया कि यदि दीवाली की छुट्टियों के दौरान इन बदलियों को रद नहीं किया गया तो 12 नवंबर से बदलियों से प्रभावित 12 स्कूलों को अनिश्चितकालीन तौर पर ताले लगा देंगे। उन्होंने मेन सड़कें पर जाम लगाएंगे, और शिक्षा अधिकारी का घेराव व सांझा अध्यापक मोर्चा संगठन द्वारा जिले के स्कूलों समक्ष गेट रैलिया करते भविष्य में ओर तीखे एक्शन किए जाएंगे। 'शिक्षा सचिव ने तहस-नहस किया शैक्षिक माहौल'

इस अवसर पर भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहा के सूबा नेता इंद्रजीत झब्बर, जिला प्रधान राम ¨सह भैणीबाघा, सीपीआई (एमएल) लिबरेशन के प्रांतीय सचिव राजविन्दर ¨सह राणा, मजदूर मुक्ति मोर्चा के प्रांतीय सचिव कामरेड भगवंत समायो, एसएसए/ रमसा के सूबा कनवीनर हरदीप टोडरपुर ने कहा कि शिक्षा सचिव कृष्ण कुमार ने अध्यापकों की दर्जनों बदलियां करके पंजाब में शैक्षिक माहौल को तहस-नहस कर दिया है। मगर पंजाब सरकार चुपचाप तमाशा देख रही है। उन्होंने कहा कि आजादी के 70 सालों बाद भी राज्य के सरकारी स्कूल पहली सहूलियतों को तरस रहे हैं। सरकार की नीतियों से हो रही परेशानी

उन्होंने कहा कि सरकार जान बुझकर इनको परेशान करने पर तुली हुई है। सरकार की बुरी नीतियों के कारण आज पंजाब का किसान, मजदूर, मुलाजिम वर्ग सड़कों पर रुल रहा है। पंजाब किसान यूनियन के नेता साधू ¨सह बल्ला ¨सह रला, मुलाजिम नेता मक्खन उडत लोकतांत्रिक किसान सभा के नेता छज्जू राम ऋषि, अध्यापक नेता सिकंदर ¨सह धालीवाल, नरिन्दर ¨सह माखा, लक्खा सहना पेन्शनर यूनियन, आइसा नेता प्रदीप गुरू, रणजीत ¨सह सरपंच तामकोट, गुरदेव कोटधरमू इस धरने के अंतर्गत जगदेव भूपाल, सुखवीर खारा ने अपने इंकलाबी गीतों से सरकार की बुरी नीतियों पर चोट की।


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