अपनी मांगों को लेकर मजदूरों ने लगाया पक्का धरना
अपनी मांगों को लेकर मजदूर वर्ग ने मजदूर मुक्ति मोर्च की अगुआई में एडीसी दफ्तर समक्ष दिन रात का पक्का मोर्च लगाया।
संसू, मानसा: अपनी मांगों को लेकर मजदूर वर्ग ने मजदूर मुक्ति मोर्च की अगुआई में एडीसी दफ्तर समक्ष दिन रात का पक्का मोर्च लगाया। भारी वर्षा में लगाए गए धरने में जत्थेबंदी के प्रदेश प्रधान भगवंत सिंह समाओ, जिला प्रधान निक्का सिंह बहादरपुर, जिला सचिव विजय कुमार भीखी ने कहा कि पंजाब में पहले रही अकाली-भाजपा व कांग्रेस की सरकार में हुई लूट व भ्रष्टाचार से निराश प्रदेश वासियों ने पंजाब में नई बनी आम आदमी पार्टी की सरकार से काफी उम्मीद लगाई थी, लेकिन भगवंत मान की अगुआई वाली सरकार में भी मजदूर वर्ग को अनदेखा किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा दलित विद्यार्थियों के वजीफा राशि जारी नहीं की गई, जिसके कारण दो लाख के करीब विद्यार्थी शिक्षा क्षेत्र से बाहर हो गए। पंजाब सरकार रिजर्वेशन को खत्म करने की साजिश बना रही है, जिसको बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि मजदूर की दिहाड़ी 700 रुपये की जाए, पंचायती जमीन में से रिजर्व कोटे वाली जमीन दलित खेत मजदूरों को कम रेट पर अलाट की जाए, डमी बोली देने वाले लोगों पर कार्रवाई की जाए, जमीनी सुधार कानून लागू कर बेजमीने मजदूरों को जमीन दी जाए, मजदूरों को घर बनाने के लिए दस दस मरले के प्लाट व पांच लाख रुपये ग्रांट दी जाए, मजदूरों पर चढ़ कर्ज को माफ किया जाए, मजदूर वर्ग के काटे गए राशन कार्ड बहाल किए जाए, राशन डिपो पर तेल, घी, दाल, चीनी, चाय, साबुन सस्ते दाम पर उपलब्ध करवाए जाएं, मगनरेगा तहत पूरा साल काम उपलब्ध करवाया जाए, पंजाब बिल्डिग अंडर कंस्ट्रक्शन वेलफेयर बोर्ड द्वारा बच्चों के लिए तुरंत वजीफा व एक्सग्रेशिया का पैसा जारी किया जाए, नरमा चुगाई का मुआवजा मजदूरों को जलद से जलद जारी किया जाए, प्रधानमंत्री अवास योजना तहत मजदूरों को घर बना कर दिए जाए। उन्होंने कहा कि जब तक उनकी सभी मांगो को पूरा नहीं किया जाता, तब तक दिन रात का पक्का धरना जारी रहेगा। इस अवसर पर मजदूर मुक्ति मोर्च के जीत सिंह बोहा, सुखविदर बोहा, मनजीत कौर, भोला सिंह, नाहरजीत झब्बर, सोनू झब्बर, काला उभ्भा, जगा उभ्भा, गुलाब खीवा, भूरा समाओ, सुखवीर खारा, मेवा मत्ती, काला जोगा, लिबरेशन के राजविदर राणा, सुखदर्शन नत्त, जसवीर कौर नत्त आदि मौजूद थे।