धारा 144 की धार काट रही ड्रैगन डोर
ड्रैगन डोर पर लगाई गई पाबंदी के बावजूद प्रशासन इसे रोकने में असफल है। कुछ ही समय में चोरी-चोरी ड्रैगन डोर बिक रही है। ड्रैगन डोर बेचकर कुछ लोग लखपति बन चुके हैं।
नानक ¨सह खुरमी, मानसा : ड्रैगन डोर पर लगाई गई पाबंदी के बावजूद प्रशासन इसे रोकने में असफल है। कुछ ही समय में चोरी-चोरी ड्रैगन डोर बिक रही है। ड्रैगन डोर बेचकर कुछ लोग लखपति बन चुके हैं।
हालांकि प्रशासन द्वारा इस ड्रैगन डोर (चाइना मेड डोर)की बिक्री पर पूर्ण रूप से पाबंदी घोषित की गई है। तथा इस बारे में डीसी मानसा अपनीत रियात की ओर से जिला अधिकारियों से बैठक की जा चुकी है। कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर 1973 की धारा 144(4) अधीन प्राप्त अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए मानसा में 31 जनवरी 2018 तक चाइनीज डोर स्टोर करने और इसे बेचने तथा खरीद करने पर पूर्ण रूप से पाबंदी लगाई हुई है। मगर फिर भी कहीं न कहीं शहर व जिले में डोर बिक रही है। हाल ही में शहर के समाज सेवी ¨मटू भाटिया ने जिला अधिकारियों से गुहार लगाई थी, कि शहर में सरेआम इस डोर को बेचा, खरीदा जा रहा है। उनका कहना था, कि शहर के अश्वनी कुमार वाली गली में एक घायल अवस्था में मिला कबूतर इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है, कि यहां पर उक्त डोर सरेआम बेची जा रही है। एक जाकारी के अनुसार जिले में कुछ ही दिनों में 3 सौ किलो से ज्यादा ड्रैगन डोर बिक चुकी है। कई ऐसे भी लोग है, जिन्होंने इसकी भारी मात्रा में स्टोरेज कर रखी है। सिर्फ बच्चों से ही पैसे वसूलने के बाद उन्हें अपने स्टोर से लाकर दी जा रही है।
हरियाणा से आ रही है ड्रैगन डोर
ड्रैगन डोर की सप्लाई पड़ोसी राज्य हरियाणा से हो रही है। उल्लेखनीय है कि मानसा के पंजाब के पड़ोसी राज्य हरियाणा से सटती सीमा के पंजाब के गांवों से सरेआम दुकानों पर ड्रैगन डोर मिल जाती है। जोकि एक गट्टू की कीमत आज से कुछ दिन पहले एक 400 से 500 रुपये प्रति किलो मिल रही थी, मगर जैसे जैसे बसंत पंचमी का त्योहार नजदीक आ रहा है। इसकी कीमतों में दलालों ने 500 से 800 रुपये तक की बेचकर अपने लिए अच्छा त्योहार बना लिया है। जानकारी अनुसार जिला में पतंग विक्रेताओं के इलावा कई अन्य दुकानदार व बेरोजगार युवा चोरी-छिपे यह ड्रैगन डोर बेचकर लाखों कमा रहे है।
कैसे तैयार होती है
चाइना मेड ड्रैगन डोर प्लास्टिग धागे से बनती है। इसमें केमिकल और लोहे का बुरादा मिलाया जाता है, जिससे कई बार बिजली के तारों के संपर्क में आने से करंट लगने की वजह बना है।
नायलोन और लोहे का बुरादा के कारण चायनीज धागा पतले तार की तरह हो जाता है। यह सामान्य धागे से कई गुना मजबूत होता है। अगर यह कहीं गर्दन में फंस जाए तो टूटता नहीं है। जिससे सांस नली कट जाती है।
कल पंजाब पुलिस में तैनात एक पुलिस कर्मी की नाक कट गई, मगर इस पर सरकारी तौर पर लगाई पाबंदी के बावजूद इसकी बिक्री जारी है।