गो पूजन से सभी देवता प्रसन्न होते है : शर्मा
संस, मानसा : संतोषी माता मन्दिर में चल रही काíतक मास की कथा के दौरान शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को गो
संस, मानसा : संतोषी माता मन्दिर में चल रही काíतक मास की कथा के दौरान शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को गोपाष्टमी के रूप में मनाया गया। पंडित जयदेव शर्मा ने बताया इस दिन गाय और गो¨वद की पूजा-अर्चना करने से धन और सुख-समृद्धि में वृद्धि होगी। ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने पहली बार गाय चुराई थी। यशोदा मईया भगवान श्रीकृष्ण को प्रेमवश कभी गो चारण के लिए नहीं जाने देती थीं। लेकिन एक दिन कन्हैया ने जिद कर गौ चारण के लिए जाने को कहा। तब यशोदा जी ने ऋषि शांडिल्य से कहकर मुहूर्त निकलवाया और पूजन के लिए अपने श्रीकृष्ण को गो चारण के लिए भेजा। तभी से इस दिन गाय की पूजा की जाती है। मान्यता है कि गाय में 33 करोड़ देवताओं का वास होता है। इसलिए गो पूजन से सभी देवता प्रसन्न होते है, ब्रह्म मुहूर्त में गाय और उसके बछड़े को नहलाकर तैयार करते हैं। उसका श्रृंगार किया जाता हैं, पैरों में घुंघरू बांधे जाते हैं, अन्य आभूषण पहनाएं जाते हैं। ऐसी मान्यता हैं की गौ सेवा करने वाले मनुष्यों का जीवन धन धान्य और खुशियों से भर जाता हैं इसलिए गाय माता की पूजा व सेवा करनी ही चाहिए।