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मानसा के कस्बा झुनीर में किसानों ने सीएम के फ्लेक्सों पर पोती कालिख

नरमे की फसल का मुआवजा लेने के लिए बठिडा में पांच दिनों तक प्रदर्शन करने के बाद किसानों ने रविवार को सरदूलगढ़ के कस्बा झूनीर में पंजाब सरकार के बैनरों को फाड़ने के अलावा बसों पर लगे फ्लेक्सों पर कालिख पोती।

By JagranEdited By: Published: Sun, 31 Oct 2021 10:25 PM (IST)Updated: Sun, 31 Oct 2021 10:25 PM (IST)
मानसा के कस्बा झुनीर में किसानों ने सीएम के फ्लेक्सों पर पोती कालिख
मानसा के कस्बा झुनीर में किसानों ने सीएम के फ्लेक्सों पर पोती कालिख

संसू, सरदूलगढ़ : नरमे की फसल का मुआवजा लेने के लिए बठिडा में पांच दिनों तक प्रदर्शन करने के बाद किसानों ने रविवार को सरदूलगढ़ के कस्बा झूनीर में पंजाब सरकार के बैनरों को फाड़ने के अलावा बसों पर लगे फ्लेक्सों पर कालिख पोती। किसान यूनियन के नेताओं ने रोष मार्च निकालने के बाद जहां भी फ्लेक्स दिखाई दिए, वहां पर कालिख पोती। ऐसा कर यूनियन के नेता सरकार तक यह संदेश पहुंचाना चाहते हैं कि जब सरकार ने कुछ किया ही नहीं है तो प्रचार किस बात का कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने किसानों को नरमे का मुआवजा देने के फ्लेक्स तो लगा दिए, लेकिन किसी भी किसान को इसका मुआवजा आज तक नहीं मिला। इसके विरोध में संघर्ष किया गया है। इसके अलावा किसानों ने पंजाब सरकार द्वारा नरमे की फसल के लिए सुनाए गए मुआवजे का भी विरोध किया। किसानों ने अपने संघर्ष के दौरान खराब हुई फसल का किसानों को 60 हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा देने व मजदूरों को प्रति परिवार के हिसाब से 30 हजार रुपये मुआवजा देने की मांग की। नकली बीज व दवाइयां बनाने वाली कंपनियों पर कार्रवाई करने, खुदकुशी करने वाले किसानों के परिवारों के वारिसों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा व एक-एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की।

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नरमे की खराब फसल के लिए मुआवजा राशि किसानों से मजाक : सिद्धू

तलवंडी साबो में गुलाबी सुंडी से खराब हुई नरमे की फसल के संबंध में प्रभावित किसानों के लिए पंजाब सरकार द्वारा सहायता राशि का एलान किया गया है। इसको शिरोमणि अकाली दल के हलका इंचार्ज जीतमहेंद्र सिंह सिद्धू पूर्व विधायक तलवंडी साबो ने नाकाफी बताया है। पूर्व विधायक सिद्धू ने कहा कि गुलाबी सुंडी के कारण नरमे की फसल पूरे मालवा क्षेत्र में बड़े स्तर पर खराब हुई है जिससे ना केवल किसानों को आर्थिक नुकसान हुआ है वहीं मजदूर वर्ग के लिए भी आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। उन्होंने बताया कि शुरू से ही किसानों द्वारा फसल के नुकसान के लिए 50 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा तथा खेत मजदूरों के लिए 25 हजार रुपये प्रति परिवार मुआवजे की मांग की जा रही थी परंतु पंजाब सरकार ने मुआवजे के नाम पर किसानों से मजाक किया है। उन्होंने कहा कि 50 हजार रुपये प्रति एकड़ तो क्या देना था सभी प्रभावित किसानों के लिए सरकार एक जैसी राशि भी जारी नहीं कर सकी जिससे पता चलता है कि अब खेत मजदूरों को भी सरकार ने कुछ नहीं देना या फिर मामूली राशि देकर समय गुजार देना है।


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