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लिफ्ट दे दो भइया, स्कूल जाना है

जसपाल जस्सी, बोहा : गांव हाकमवाला में बस सुविधा न होने से लोगों सहित स्कूली बच्चों को भारी परेशानियो

By JagranEdited By: Published: Fri, 17 Aug 2018 04:33 PM (IST)Updated: Fri, 17 Aug 2018 04:33 PM (IST)
लिफ्ट दे दो भइया, स्कूल जाना है
लिफ्ट दे दो भइया, स्कूल जाना है

जसपाल जस्सी, बोहा : गांव हाकमवाला में बस सुविधा न होने से लोगों सहित स्कूली बच्चों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। गांववासियों को सुबह अपने काम पर जाने के लिए पैदल ही चलना पड़ता है। शाम को कार्य से घर लौटते समय या तो किसी से लिफ्ट लेनी पड़ती हैं या राहगीर बनकर काफी लंबा सफर तय करने को मजबूर है। यहीं हाल यहां के स्कूली बच्चों का है। भीषण गर्मी में बच्चों को स्कूल जाने के लिए करीब 6 किलोमीटर का पैदल सफर तय करना पड़ रहा है। बस सुविधा न होने से बच्चे भी स्कूल के रास्ते की ओर जाते वाहन चालकों से लिफ्ट लेकर पहुंच रहे है। वैसे तो सरकार शिक्षा सहित परिवहन सुधार के बड़े-बड़े दावे करती हो। लेकिन ये दावे कितने सच है। इसकी जमीनी हकीकत गांव हाकमवाला में देखी जा सकती है। गांव में सरकारी परिवहन सुविधा तो दूर प्राइवेट बस सुविधा भी न के बराबर है। स्कूल के टाइम पर कोई भी निजी बस नहीं मिलती जिसके कारण बच्चे पढ़ने का जज्बा लेकर स्कूल के लिए पैदल ही निकल पड़ते है।

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नाम की ग्रामीण बस योजना, 5 दशक से नहीं मिली सुविधा

इस संबंध में गांव के सरपंच जस¨वदर कौर, शहीद भगत ¨सह यूथ कलब के प्रधान सुख¨वदर ¨सह, दशमेश स्पो‌र्ट्स क्लब के प्रधान तरसेम ¨सह बिट्टू, पंच बल¨वदर ¨सह लहरी, पंच ¨छदर ¨सह, समाजसेवी डॉ. सुखपाल ¨सह ने कहा कि बेशक पंजाब सरकार द्वारा ग्रामीण बस योजना के तहत यहां हर गांव को सरकारी बस लगाने के दावे किए जा रहे है। लेकिन 50 साल से ज्यादा समय से गांव हाकमवाला वासियों को बोहा या बुढ़लाडा जाने के लिए सरकारी बस का सफर करना नसीब नहीं हो पाया है। वहीं जो प्राइवेट बस है वह भी कम ही आती है।

न चली बस तो अपनाएंगे संघर्ष

इस अवसर पर विद्यार्थी युधवीर ¨सह, कृष्ण ¨सह, बिल्ला ¨सह, गुरमीत ¨सह ने बताया कि वह अक्सर लिफ्ट लेकर स्कूल व घर पहुंचते है। वहीं गांववासियों ने पंजाब सरकार व जिला प्रशासन से मांग की है कि गांव के लिए सरकारी बस का रूट चलाया जाए। अगर उनकी मांग को पूरा नहीं किया जाता तो कड़ा संघर्ष करने को मजबूर होगें।


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