Move to Jagran APP

सुधरेगी आबोहवा, अब ईट भट्टों से नहीं उड़ेगा काला धुआं

अब पंजाब में ईट भट्टों की चिमनियों के आस-पास काले धुएं के बादल नजर नहीं आएंगे क्योंकि पंजाब सरकार प्रदूषण को रोकने के लिए सख्ती करने जा रही है। सरकारी हिदायतों के तहत पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड (पीपीसीबी) ने ईंट भट्टों से हो रहे प्रदूषण को कम करने के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 10 Aug 2018 04:11 PM (IST)Updated: Fri, 10 Aug 2018 04:11 PM (IST)
सुधरेगी आबोहवा, अब ईट भट्टों से नहीं उड़ेगा काला धुआं
सुधरेगी आबोहवा, अब ईट भट्टों से नहीं उड़ेगा काला धुआं

नानक ¨सह खुरमी, मानसा : अब पंजाब में ईट भट्टों की चिमनियों के आस-पास काले धुएं के बादल नजर नहीं आएंगे क्योंकि पंजाब सरकार प्रदूषण को रोकने के लिए सख्ती करने जा रही है। सरकारी हिदायतों के तहत पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड (पीपीसीबी) ने ईंट भट्टों से हो रहे प्रदूषण को कम करने के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं। इसके तहत ईंट भट्टों की चिमनियों में फिल्टर लगाने और गोल-गोल तरीके से ईंट पकाने के लिए के लिए कहा है। जिससे इनमें से हवा आसानी के साथ गुजर सके। चिमनियों में फिल्टर लगने से जहरीले कण और अन्य अवशेष निकलने के बाद ही धुआं हवा में जाएगा। ऐसे में चिमनियों की लंबाई भी बढ़ाने के लिए कहा गया है जिससे धुआं अधिक से अधिक उंचाई पर पहुंचाया जा सके।

loksabha election banner

पिसा कोयला और बढि़या तेल से होगा काम

पीपीसीबी के मेंबर सचिव पवन गर्ग ने बताया कि बोर्ड द्वारा ईंट भट्टों से होता प्रदूषण घटाने के प्रयास किए जा रहे है। भंट्टों को ईंटें पकाने के लिए पिसा हुआ कोयला और बढि़या तेल उपयोग करने को कहा गया है जिससे धुएं में जहरीले कणों को जाने से रोका जा सके। इसके अलावा अगला सीजन शुरू होने से पहले चिमनियों में फिल्टर लगाएं जा रहे हैं और ईंटों को पकाने के लिए गोल-गोल ढंग के साथ चिनाई करना यकीनी बनाने के आदेश दिए गए। इस कवायद का मंतव्य जहरीले कण और अन्य अवशेष साफ होने के बाद ही धुआं हवा में जाना यकीनी बनाना है।

आस्ट्रेलिया का कोयला जहरीली कर रहा हवा

गर्ग ने बताया कि कार्बन निकासी रोकने और पैरिस जलवायु समझौता लागू करने की दिशा में यह बड़ी पहल है। अगर भट्टों को अति आधुनिक प्रौद्योगिकी के साथ लैस कर सके तो हवा प्रदूषण में बड़ी स्तर पर रोक लगेगी। उन्होंने कहा कि अक्सर देखा जाता है कि ईंट भट्टों पर आस्ट्रेलिया से लाया कोयला इस्तेमाल किया जा रहा है, जो सस्ता पड़ता है, मगर यह हवा प्रदूषण बढ़ाने का बड़ा कारण है। जिसके कारण इस पर पाबंदी है। इसके बावजूद कई भट्टा मालिक यह कोयला इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसे रोकना होगा।

नवीन प्रौद्योगिकी की अवहेलना पर होगी कार्रवाई

पीपीसीबी के चेयरमैन काहन ¨सह पन्नू ने बताया कि ईंट भट्टों के नजदीक रहते लोगों की यह शिकायत थी कि सल्फर और कार्बन निकासी के कारण बहुत काफी परेशानी होती है। अब ईंट भट्टों में कार्बन निकासी कम करने के लिए नवीन प्रौद्योगिकीं अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। अगर वह फिर भी नई प्रौद्योगिकी और बढि़या ईंधन बरतने के लिए न माने तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।

सर्दियों में न बनाई जाएं ईटें

पन्नू ने कहा कि कोयला ईंधन के साथ कार्बन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोआक्साइड और सल्फर आक्साइड पैदा होती है। इस प्रदूषण को देखते पीपीसीबी ने भट्टा मालिकों को सर्दियों के महीनों पहली अक्तूबर से 31 जनवरी तक ईंटों का काम बंद रखने के लिए कहा गया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.