अपनी ही सरकार के खिलाफ 243 में 150 सरपंच, अकाली दल की तारीफ की
जले के करीब 150 सरपंच अपनी ही सरकार के खिलाफ हो गए हैं। पंचायत यूनियन जिला मानसा के विभिन्न गांवों से यहां पहुंचे इन सरपंचों ने बैठक कर अपनी-अपनी समस्याओं पर विचार-विमर्श किया।
नानक सिंह खुरमी,मानसा : जिले के करीब 150 सरपंच अपनी ही सरकार के खिलाफ हो गए हैं। पंचायत यूनियन जिला मानसा के विभिन्न गांवों से यहां पहुंचे इन सरपंचों ने बैठक कर अपनी-अपनी समस्याओं पर विचार-विमर्श किया। इसके बाद एक सुर में उन्होंने कहा कि राज्य में भले ही कांग्रेस की सरकार है और वे भी कांग्रेस के सरपंच हैं, लेकिन उन्हें पर्याप्त फंड नहीं मिल रहे हैं। सरपंचों ने कहा कि राज्य में कांग्रेस को सत्ता संभाले तीन साल हो गए हैं, इसके बावजूद उनके गांवों में विकास कार्य अधूरे पड़े हैं जो अफसोस की बात है। उनका कहना है कि उनके गांवों में विकास के लिए जारी किए गए रुपये के बारे में सिलेक्शन लेटर पूरी रकम का होता है, लेकिन मिलते आधे-अधूरे रुपये। गांव मोजो कलां के सरपंच कुलदीप सिंह को गांव में नाले के लिए दो लाख रुपये का सिलेक्शन लेटर जारी हुआ था, लेकिन मिले उसे मात्र एक लाख रुपये है गांव खीवा खुर्द की महिला सरपंच के पति बलजीत शर्मा ने कहा कि वह भी इसी प्रकार से गांव में विकास कार्य को लेकर आए कम पैसे मिलने से परेशान हो रहे हैं। सरपंचों ने कहा कि वे डीसी मानसा से मुलाकात कर उन्हें भी समस्या से अवगत करवा चुके हैं। उन्होंने बताया कि इसको लेकर वे 23 दिसंबर को जिला स्तर पर प्रदर्शन करेंगे। अगर फिर भी मसला हल नहीं हुआ तो वह प्रदेश स्तरीय रोष जताएंगे। सरपंचों ने कहा कि इससे बेहतर तो अकाली दल की बादल सरकार थी, जिनसे वे अपने गांवों के विकास के लिए फंड ले आते थे। गांव अनूपगढ़ माखा के सरपंच चरनजीत सिंह, खीवा कलां के सरपंच के पति अवतार तारी, झब्बर गांव से अप्पी झब्बर, रल्ला से मनजीत सिंह,मत्ती से सुखविदर सिंह, अलीशेर से मक्खन सिंह,अलीशेर से सुखदेव सिंह,भुपाल प्लाट से अमरीक सिंह, हीरो कलां से हरपाल सिंह,खीवा दयालू वाला से घुदर सिंह,बुर्ज हरी से राजपाल सिंह,तामकोट से गुरनाम सिंह,खयाला मलिकपुर से निर्मल सिंह व ब्लॉक सरदूलगढ़ व बुढलाडा ब्लाक के समूह कांग्रेस सरपंच, ब्लॉक मानसा के जगदीप सिंह, भीखी से राय सिंह गुड़थड़ी ने भी सरकार के रवैये के प्रति रोष जताया। उनका कहना है कि विकास कार्य में कांग्रेस अकाली सरकार के मुकाबले में काफी पीछे चल रही है और इस कारण उनके गांवों में करीब एक साल से विकास कार्य अधूरे लटके पड़े है। इस अवसर पर राए सिंह प्रधान ब्लॉक यूनियन भीखी, जगदीप सिंह सरपंच प्रधान ब्लॉक यूनियन मानसा, भोला सिंह समाओं जिला प्रधान पंजाब किसान यूनियन, चरनजीत सिंह सरपंच माखा, बलजीत सिंह सरपंच खीवा,मक्खण सिंह सरपंच अलीशेर, सुखविंदर कौर सरपंच मत्ती, सुखदेव सिंह सरपंच अलीशेर खुर्द, अवतार सिंह तारी सरपंच खीवा कलां, इकबाल सिंह सरपंच फफड़े भाईके, गुरमीत सिंह सरपंच नन्दगढ़, कुलदीप सिंह सरपंच मान बीबड़ियां, बलजीत सिंह सरपंच खीवाखुर्द और कमलजीत सिंह पंच समाओं इस अवसर पर मौजूद थे।
जल्द 20 प्रतिशत राशि और खाते में आ जाएगी एडीसी गुरमीत सिंह ने कहा कि सरकार ने 50 प्रतिशत राशि जारी की थी और अब एक दो दिन में सरपंचों के खाते में 20 प्रतिशत राशि और डाल दी जाएगी। उन्होंने बताया कि 14वें वित्त आयोग की ग्रांट भी जल्दी जारी कर दी जाएगी। ये हैं सरपंचों की मुख्य मांगें
आरडीएफ की दूसरी किश्त तत्काल जारी की जाए
सरपंचों और पंचों को एमपी व एमएलए की तरह क्रमवार 25 हजार और 15 हजार रुपये दिए जाएं।
मनरेगा की अदायगी तीन माह में किया जाना यकीनी हो
मिस्त्री की दिहाड़ी लेबर के साथ जोड़ी जाए और मार्केट रेट दिया जाए
पंचायती जमीनों को कॉरपोरेट घरानों को सौंपने के लिए लाया कानून रद किया जाए।