डीसी ने 11 विभागों से मांगी थी खुले बोरवेल की रिपोर्ट, एक ने भी नहीं भेजी
संगरूर में खुले बोरवेल में गिरकर हुई दो साल के मासूम फतेहवीर सिंह की मौत के बाद पंजाब सरकार ने सभी जिलों को आदेश दिए हैं कि कहां-कहां बोरवेल खुले पड़े हैं इसकी रिपोर्ट बनाकर भेजें।
जेएनएन, लुधियाना। कोई खुला बोरवेल किसी हादसे की वजह न बने, इसके चलते डिप्टी कमिश्नर प्रदीप अग्रवाल ने 11 विभागों को पत्र लिखकर उनके कार्यक्षेत्र में खुले हुए बोरवेल का ब्योरा मांगा था। 10 जून को जारी इस पत्र में स्पष्ट कहा गया था कि इसे अत्यंत आवश्यक माना जाए। साथ ही पत्र में डेडलाइन भी लिखी गई थी कि हर हाल में यह ब्योरा 11 जून तक कार्यालय में सबमिट कर दिया जाए। इस सख्त शब्दावली वाले पत्र के बावजूद 11 जून तक एक भी विभाग ने ब्योरा दाखिल नहीं किया।
पंजाब सरकार के निर्देश पर मांगी गई इस रिपोर्ट न आने पर प्रतिक्रिया देते हुए डिप्टी कमिश्नर प्रदीप अग्रवाल ने कहा कि चूंकि यह रिपोर्ट फील्ड से इकटट्ठी करनी होती है, इसके चलते देरी हुई है। ज्यों ही विभागों से रिपोर्ट आती है उसे आगे सबमिट कर दी जाएगी। बता दें संगरूर में खुले बोरवेल में गिरकर हुई दो साल के मासूम फतेहवीर सिंह की मौत के बाद पंजाब सरकार ने सभी जिलों को आदेश दिए हैं कि वह कहां-कहां बोरवेल खुले पड़े हैं, इसकी रिपोर्ट बनाकर भेजी जाए।
इन विभागों से मांगी थी रिपोर्ट
नगर निगम, ग्लाडा, नगर सुधार, एडीसी विकास, पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट, सीवरेज बोर्ड, नेशनल हाईवे अथॉरिटी, जिला विकास व पंचायत अधिकारी, समूह बाल विकास व पंचायत अधिकारी।
स्टाफ रिपोर्ट एकत्र करने में जुटा: डीसी
डिप्टी कमिश्नर प्रदीप अग्रवाल का कहना है कि विभिन्न विभागों से बोरवेल संबधी रिपोर्ट मांगी गई है। डीआरओ विभाग इसे जुटा रहा है। कितने विभागों की रिपोर्ट आई, वहीं से पता चल सकता है। ज्यों ही रिपोर्ट आती है इसे सबमिट कर दिया जाएगा।
अभी तक एक भी विभाग से नहीं आई रिपोर्ट
कार्यकारी डीआरओ हरजीत सिंह का कहना है कि संबंधित विभागों से बोरवेल संबधी रिपोर्ट मांगी गई है। अभी तक किसी भी विभाग ने रिपोर्ट सबमिट नहीं की। उनका फील्ड स्टाफ रिपोर्ट जुटा रहा है। जल्द ही इसे सबमिट कर दिया जाएगा।
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