यहां है 180 साल पुराना रावण का बुत, दशहरे के दिन होती है विशेष पूजा
लुधियाना जिले में स्थित दोराहा के साथ लगते कस्बा पायल में बना रावण का 25 फुट ऊंचा बुत अपनेआप में इतिहास समेटे हुए हैं। यहां रावण की पूजा होती है।
दोराहा [मुदित मोहिंद्रा]। लुधियाना जिले में स्थित दोराहा के साथ लगते कस्बा पायल में बना रावण का 25 फुट ऊंचा बुत अपनेआप में इतिहास समेटे हुए हैं। 180 साल पुराना यह बुत दशहरे के दिन खास आकर्षण का केंद्र होता है। यहां रावण की पूजा अर्चना की जाती है। दशहरे के दिन पंजाब और देश के अन्य स्थानों से आकर दुबे परिवार के लोग 10 से 12 दिन तक प्राचीन राम मंदिर में रुकते हैैं और रावण के बुत की पूजा-अर्चना करते हैं।
पटियाला निवासी अखिल दुबे और अनिल दुबे बताते हैैं कि यह बुत उनके पड़दादा हकीम वीरबल दास ने बनवाया था और तब से लेकर अब तक उनकी छठी पीढ़ी भी रावण के बुत की पूजा करती आ रही है। उनके पड़दादा हकीम वीरबल दास से पहली और दूसरी शादी से कोई संतान नहीं थी। उन्होंने घर परिवार का त्याग किया और हरिद्वार की ओर चले गए।
रास्ते में उन्हें एक महापुरुष मिले, जिन्होंने उनकी समस्या सुनकर रामलीला करवाने को कहा। तभी उनके दादा ने वापस आकर रामलीला करवाई। इसके पश्चात अगले दशहरे पर उनको पुत्र की प्राप्ति हुई। इसके बाद तीन और बेटे पैदा हुए। तब से आज तक परिवार रावण के बने बुत की पूजा करता आ रहा है। रामलीला प्रस्तुत कर दशहरे के दिन रावण के बुत के सबसे ऊपर के भाग में आतिशबाजी रखकर उसे ही जलाया जाता है।
शहरवासी भी होते हैं शामिल
दुबे परिवारों के साथ दशहरा वाले दिन नगरवासी भी शामिल होते हैं। अखिल दुबे ने बताया के 40 वर्ष पहले पायल के कुछ लोगों ने इस पक्के बुत को दशहरे के दिन तोड़ने का प्रयास किया था। लेकिन, जिन्होंने यह कृत्य किया उन्हें भारी नुकसान झेलना पड़ा। इसके बाद उन लोगों ने दोबारा बुत स्थापित किया और तब से बुत की मान्यता और बढ़ गई।