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कोरोना काल में नेता को जन्मदिन की बधाई संदेश बोर्ड चर्चा में

कोरोना ने सभी का लाइफ स्टाइल बदलकर रख दिया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 05 Jun 2020 02:26 AM (IST)Updated: Fri, 05 Jun 2020 02:26 AM (IST)
कोरोना काल में नेता को जन्मदिन की बधाई संदेश बोर्ड चर्चा में
कोरोना काल में नेता को जन्मदिन की बधाई संदेश बोर्ड चर्चा में

राजेश शर्मा, लुधियाना

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कोरोना ने सभी का लाइफ स्टाइल बदलकर रख दिया है। ज्यादातर लोगों ने बाहर का खाना-पीना छोड़ दिया है। अपनों से मिलने के ढंग बदल गए हैं। बहुत से लोगों ने जीवन की भागदौड़ की रफ्तार धीमी कर ली। हालाकि एक वर्ग है ऐसा भी है जो बिल्कुल नहीं बदला। वो है हमारे नेता। कोरोना काल से पहले शहर के तमाम दिशा-निर्देश बोर्डो पर अकसर या नेताओं का कब्जा होता था या फिर धाíमक संस्थाओं का। दो महीने लंबे चले लॉकडाउन के बाद ज्यों ही शहर में चहलपहल शुरू हुई, नेताओं की तस्वीरें शहर में गाहे-बगाहे दिखने लगीं। हद तो तब हो गई जब दुगरी, गिल रोड, बस स्टैंड के आसपास लगे दिशा-निर्देश बोर्ड पर काग्रेस नेता ईश्वरजोत सिंह चीमा को जन्मदिन की बधाई देने वालों का ताता लग गया। आखिर खासमखास बनकर नंबर जो बनाने हैं। अब शहर के लोगों में यह बधाई संदेश चर्चा का विषय बने हुए हैं। नियम से परिवार मुसीबत में

सरकारी नियम भी जमीनी हकीकत से दूर की बात है। दोपहिया वाहन पर दो सवारी और कार में अकेले बैठने पर भी मास्क नहीं पहनने पर चालान काटे जा रहे हैं। दुगरी रोड पर पिता-पुत्र सुनील और विपुल दोपहिया वाहन पर जा रहे थे। पुलिस ने रोकते हुए कहा कि फिजिकल डिस्टेंस का पालन नहीं करने पर वाहन जब्त करेंगे। दोनों ने लाख समझाया कि वह दोनों पिता-पुत्र हैं लेकिन पुलिस कहा मानने वाली। इस पर उन्होंने अपने जानकार नेता दीपक को वहा बुला लिया। नेता जी ने समझाते हुए कहा कि जनाब, दोनों पिता-पुत्र हैं जो घर में चाय भी एक दूसरे की झूठी पी लेते हैं। अब एक साथ बाइक पर जा रहे हैं तो आप फिजिकल डिस्टेंस का चालान काटने की बात कह रहे हो। आखिर बात सही भी है। प्रशासन भी बिना सोचे-समझे नियम बना देता है और बाद में मुसीबत आम लोगों को होती है। सेंध पर तिलमिलाए नेता जी

विधानसभा क्षेत्र गिल में कभी एक साथ रहे नेता अब एक-दूसरे के विरोधी हैं। परेशानी की वजह भी जान लीजिए। उनके साथ रहने वाला नेता लगातार उनकी पार्टी के वर्करों को दूसरी पार्टी में शामिल करवा रहा है। दरअसल, विधानसभा क्षेत्र गिल से काग्रेस नेता कुलदीप सिंह वैद विधायक हैं। कुछ महीने पहले तक उनके साथ मजबूत साथी के रूप युवा नेता गगनदीप सिंह सन्नी कैंथ साथ थे। समय ने करवट बदली तो सन्नी ने काग्रेस पार्टी से किनारा करते हुए लोक इंसाफ पार्टी (लिप) का दामन थाम लिया। फिर कोरोना काल आया तो राजनीतिक गतिविधिया थमी रहीं। ज्यों ही क‌र्फ्यू से राहत मिली तो लोक इंसाफ पार्टी सक्रिय हो गई। काग्रेस से नाराज कुछ परिवारों को लिप में शामिल करवा दिया। हालाकि उपलब्धि इतनी बढ़ी नहीं थी जितना बखान किया गया, लेकिन इससे चिढ़े विधायक ने कह दिया कि विरोधियों की साजिश का पर्दाफाश प्रेस काफ्रेंस करके किया जाएगा। यह डेडलाइन समझ से परे

कोरोना के कारण दफ्तरों में स्टाफ को कम कर दिया गया है। दूसरा सरकार भी बिना सोचे समझे फरमान सुना देती है। ताजा मिसाल है वाहनों पर लगने वाली हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट की। ट्रासपोर्ट विभाग ने आदेश जारी कर दिए हैं कि सभी वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवानी अनिवार्य है। इसके लिए 30 जून की डेडलाइन तय कर दी गई। ज्यों ही आदेश आए, चंडीगढ़ रोड स्थित हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट वर्कशॉप पर लोग उमड़ पड़े। सेंटर पर भीड़ दिखी तो अखबार की सुíखया भी बन गईं। फिर वर्कशॉप में किसी तरह शारीरिक दूरी मेनटेन कर ली गई। हालाकि बाहर भीड़ वैसी ही है। वर्कशॉप पहुंचे आवेदक ने इस वायलेशन की बात की तो कर्मचारी ने जवाब दिया कि विभाग ने तीस जून तक डेडलाइन तो तय कर दी है लेकिन लाखों आवेदकों के होने से फिजीकल डिस्टेंस कैसे पूरा होगा। लोग तो कम दिन होने के कारण उमड़ेंगे ही।


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