बदलती जीवनशैली व खानपान की गलत आदतों से सजग रहकर हाे सकता है स्तन कैंसर से बचाव
शहर में कैंसर की बीमारी तेजी से फैल रही है। इसका सबसे बड़ा कारण गलत खानपान भी बताया जा रहा है। इससे बचने के लिए लाेगाें काे निरंतर व्यायाम करना चाहिए।
लुधियाना, जेएनएन। बदलती जीवनशैली, खानपान की गलत आदतों व व्यायाम के अभाव ने स्तन कैंसर के खतरे को और बढ़ा दिया है। हालांकि यह कैंसर पुरूषों को भी होता है लेकिन इसकी संभावना कम होती है। महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर अधिक पाया जाता है। जागरूकता के अभाव में ज्यादातर महिलाओं को स्तन कैंसर का पता तब चल पाता है, जब तीसरे या चौथे चरण पर पहुंच जाती है। इसका सही समय पर पता लगाना जरूरी है।
महिलाएं अगर थोड़ा सजग हो, तो घर पर स्तन कैंसर की पहचान कर सकती है। सही समय पर इलाज शुरू होने पर कैंसर को मात दी सकती है। यह कहना है दीप अस्पताल के कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. अमित धीमान का। वे दैनिक जागरण के हेलो जागरण कार्यक्रम में पहुंचे थे। यहां उन्होंने ब्रेस्ट कैंसर से संबंधित जानकारी दी।
प्रश्न- ब्रेस्ट कैंसर की पहचान कैसे की जा सकती है? सोनिया सिंह, जमालपुर
उत्तर- ब्रेस्ट कैंसर की पहचान स्वयं कर सकते हैं। ब्रेस्ट में गांठ का उभरना, सूजन आना, चारों ओर त्वचा में परिवर्तन, स्तन या निप्पल में दर्द या निप्पल से किसी तरह पदार्थ का निकलना ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण है। ब्रेस्ट में सख्त मास जैसा जिसे छूने पर दर्द न हो, यह भी लक्षण हो सकता है। अगर महिलाओं को ब्रेस्ट में जरा सा भी परिवर्तन महसूस हो तो कैंसर विशेषज्ञ से परामर्श जरूर लेना चाहिए।
प्रश्न- कैंसर की कितनी अवस्थाएं होती है? विन्नी उप्पल, हैबोवाल कलां
उत्तर- कैंसर की मुख्य रूप से चार अवस्थाएं होती है। प्रथम, द्वितीय, तृतीय व अंतिम अवस्था। पहली अवस्था में पता लगने पर ऑपरेशन व दवा से मरीज के ठीक होने की संभावना 97 व दूसरी में 70 प्रतिशत होती है। तीसरी स्टेज में 45 और अंतिम स्टेज में 15 प्रतिशत रह जाती है। पहली व द्वितीय अवस्था में रोग की पहचान कर इलाज शुरू होने पर कैंसर को मात दी जा सकती है लेकिन तीसरी या अंतिम अवस्था में इलाज की शुरुआत से रोगी की मृत्यु दर बढ़ जाती है।
प्रश्न- पहचान के लिए किस तरह की जांच होती है? दीपिका, करतार नगर
उत्तर- ब्रेस्ट कैंसर की जांच डिजिटल मेमोग्राफी, सोनो मेमोग्राफी से होती है। इसके अलावा एमआरआइ मेमोग्राफी भी की जाती है। डिजिटल मेमोग्राफी करीब 1200 सौ रूपये के आसपास हो जाती है। चालीस वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को प्रतिवर्ष नियमित अंतराल पर मेमोग्राफी करानी चाहिए।
प्रश्न- क्या इलाज के बाद भी नियमित चेकअप जरूरी है? बिरजेश कुमार, स्वतंत्र नगर
उत्तर- किसी भी तरह के कैंसर के इलाज के बाद नियमित चेकअप करवाना बेहद जरूरी है। कई बार कैंसर के दोबारा से इसके डवेलप होने की संभावना रहती है।