...जब गोसाईं ने लुधियाना SSP कार्यालय के अंदर शुरू कर दी नारेबाजी, आयकर विभाग के खिलाफ खोला था मोर्चा
सतपाल गाेसाईं के पास कोई भी अनजान व्यक्ति दुखड़ा रोता था तो वह उनके साथ चल देते थे। लगभग 30 साल पहले की बात है। तत्कालीन एसएसपी के पास वह किसी काम के लिए गए और उन्होंने स्पष्ट कह दिया कि यह नहीं हो सकता।
लुधियाना, [भूपेंदर सिंह भाटिया]। भाजपा के वरिष्ठ नेता सतपाल गोसाईं नेता नहीं, बल्कि एक संगठन ज्यादा थे। यही कारण है कि उनके साथ बड़ी संख्या में कार्यकर्ता दिल से जुड़े हुए थे। लगभग 32 साल तक गोसाईं के काफी करीबी रहे भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष और पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर प्रवीण बांसल कहते हैं कि उनके साथ किया काम आज भी मिसाल बन गया है। वह किसी के साथ अन्याय सहन नहीं करते थे।
कोई भी अनजान व्यक्ति उनके सामने दुखड़ा रोता था तो वह उनके साथ चल देते थे। लगभग 30 साल पहले की बात है। तत्कालीन एसएसपी के पास वह किसी काम के लिए गए और उन्होंने स्पष्ट कह दिया कि यह नहीं हो सकता। गोसाईं जल्दी आवेश में आ जाते थे। उन्होंने एसएसपी को कहा कि काम तो करना होगा और फिर वह उनके ही कार्यालय में नारेबाजी करने लगे।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के साथ सतपाल गोसाईं, हरीश बेदी, गुरुदेव शर्मा देवी, हरमिंदर सिंह। (फाइल फाेटाे)
प्रवीण बांसल ने बताया कि पंजाब में उस समय वह एकमात्र भाजपा नेता थे, जो किसी भी संघर्ष के लिए पीछे नहीं हटते थे। वर्ष 1995-96 में एक बार व्यापारियों ने उन्हें बताया कि आयकर विभाग के अधिकारी बहुत तंग करते हैं। इस पर गोसाईं ने पूरे पंजाब में आयकर विभाग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।
इससे पूरा महकमा हिल गया। उनकी तरह निडर नेता कभी नहीं देखा। वह कभी अफसरों व नेताओं के पीछे नहीं लगे। वह अपने मान-सम्मान का पूरा ख्याल रखते थे। उनकी दिलेरी का आलम यह था कि उनके बेटे की दुर्घटना में मौत हो गई थी। कुछ कार्यकर्ता उनके घर में शोक जताने पहुंचे। इस दुख की घड़ी में वह खुद को संभालने के साथ कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाते रहे। घर में बेटे का शव पड़ा था और बाप दूसरों को हिम्मत बंधा रहा था।
हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार और भाजपा प्रदेश पूर्व अध्यक्ष स्व. कमल शर्मा सतपाल गोसाईं के साथ (फाइल फोटो)
हर धर्म को एक बराबर मानते थे गोसाईं
वैसे तो सतपाल गोसाईं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यकर्ता थे और भाजपा से लंबे समय तक जुड़े रहे, लेकिन वह सभी धर्मों का सम्मान करते थे। वह अनोखे भाजपा नेता होंगे, जिनके घर के पास मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा और चर्च हैं। खास बात यह है कि उन्होंने चारों धर्मों के पूजनीय स्थलों के निर्माण में पूरा सहयोग दिया। यही कारण है कि उनकी सभी धर्मों के लोग इज्जत करते थे।