पंजाब के इस गांव में नेताओं की एंट्री बैन, विधानसभा चुनाव के बायकाट के लगाए बोर्ड; जानें कारण
Kisan Andolan पंजाब में विधानसभा चुनाव से पहले किसानाें ने राजनीतिक दलाें की चिंता बढ़ा दी है। पहले किसान केवल भाजपा का ही विराेध करते थे लेकिन अब दूसरे दलाें के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं जिससे नेताओं की डगर आसान नहीं लग रही।
संसू, समराला (लुधियाना)। Kisan Andolan पंजाब विधानसभा चुनाव को लेकर तमाम राजनीतिक दलों ने अपनी सरगर्मियां बढ़ा दी हैं। हालांकि कृषि सुधार कानूनों को लेकर किसानों की नाराजगी राजनीतिक दलों पर भारी पड़ रही है। राजनीतिक जनसभाओं के विरोध के बाद अब गांवों में राजनेताओं की एंट्री के बायकाट के बोर्ड भी लगने शुरू हो गए हैं।
समराला के गांव उटाला में भी लोगों ने ऐसा है एक बोर्ड लगाया है, जिसमें संदेश लिखा है कि गांव के लोग आगामी विधानसभा चुनावों का बायकाट करते हैं और यदि कोई राजनीतिक दल प्रचार के लिए आना चाहता है तो वह पहले बोर्ड पर लिखे 11 सवालों का जवाब दें। इसके बाद ही उसे गांव में आने दिया जाएगा। बोर्ड पर पहला सवाल बेअदबी कांड के बारे में पूछा गया है और दूसरा सवाल केंद्र सरकार द्वारा बनाए तीन कृषि सुधार कानूनों पर है। समराला हलके के नेताओं से सवाल पूछा है नशा अभी तक बंद क्यों नहीं हुआ। अवैध माइनिंग के बारे में सवाल पूछे गए हैं। इसके अलावा कई अन्य सवाल भी नेताओं से पूछे गए हैं।
सरपंच बोले, सोच समझकर लिया है फैसला
गांव के कांग्रेस सरपंच और सरपंच यूनियन के प्रधान प्रेम वीर सिंह का कहना है कि वह एक किसान हैं और गांव के निवासी भी। हर पांच साल बाद जब चुनाव आते हैं तो नेता आकर वादे करके चले जाते हैं, लेकिन चुनाव के बाद वे सब कुछ भूल जाते हैं। अब हमने सोच-समझकर यह कार्य किया है और हम उम्मीद करते है कि आस पास के गांव भी हमारा साथ देंगे।
दिल्ली सीमा पर बैठे किसानों का मसला हल करे सरकार
गांव निवासी गांव के निवासी बिल्लू ने कहा कि नौ महीने से हमारे किसान दिल्ली की सीमाओं पर बैठे हैं। अब तक किसी सरकार ने कोई हल नहीं किया है। इसके अलावा समराला हलके में कोई स्टेडियम नहीं दिया गया है। नशा भी ऐसे ही बिक रहा है। लोग अब झूठे वादों से थक चुके हैं। अब लोगों ने जो सवाल पूछे हैं वो जायज हैं और जवाब लेना जनता का अधिकार है।