Move to Jagran APP

Halwara Airport : जमीन की कीमत बढ़ाने की मांग काे लेकर राजस्व मंत्री के दरबार जाएंगे ग्रामीण Ludhiana News

भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के अनुसार जमीन के रेट तय करने के लिए नोटिफिकेशन जारी होने से तीन साल पहले हुई रजिस्ट्रियों की कीमत को आधार बनाया जाना है।

By Vipin KumarEdited By: Published: Wed, 22 Jan 2020 09:05 AM (IST)Updated: Thu, 23 Jan 2020 10:49 AM (IST)
Halwara Airport : जमीन की कीमत बढ़ाने की मांग काे लेकर राजस्व मंत्री के दरबार जाएंगे ग्रामीण Ludhiana News
Halwara Airport : जमीन की कीमत बढ़ाने की मांग काे लेकर राजस्व मंत्री के दरबार जाएंगे ग्रामीण Ludhiana News

लुधियाना, जेएनएन। हलवारा में बनने वाले एयरपोर्ट टर्मिनल के लिए अधिगृहीत की जाने वाली जमीन की कीमत अभी तक सरकार ने सार्वजनिक नहीं की। प्रशासन ने अभी तक ग्रामीणों के साथ रेट को लेकर खुलकर चर्चा तक नहीं की।

loksabha election banner

ग्रामीणों को अंदेशा है कि प्रशासन बेहद कम रेट पर उनकी जमीन अधिगृहीत करने की योजना बना रहा है, जिस वजह से ग्रामीणों ने अब नेताओं के दरबार में पहुंचना शुरू कर दिया है। ग्रामीण कुछ दिन पहले सांसद अमर सिंह से मिले और उनसे जमीन की कीमतें बढ़वाने की मांग की।अब ग्रामीण सांसद के साथ राजस्व मंत्री सुख सरकारिया के दरबार में जाएंगे और अपनी जमीन की वाजिब कीमत मांगेंगे।

क्या है ग्रामीणों का तर्क

ग्रामीणों का तर्क है कि प्रशासनिक अधिकारियों ने पहले उन्हें बताया कि था कि उनकी जमीन की बेस कीमत 19 से 20 लाख रुपये है। इस हिसाब से उन्हें प्रति एकड़ करीब 45 लाख रुपये मिल जाने थे, लेकिन अब प्रशासन की तरफ से 6.50 लाख रुपये बेस कीमत निकाली जा रही है।

इसके हिसाब से प्रति एकड़ 19 से 20 लाख रुपये ही किसानों को मिलेंगे, जो बेहद कम है। कीमत को बढ़वाने के लिए ग्रामीण इस सप्ताह राजस्व मंत्री को मिलने चंडीगढ़ जा रहे हैं। सरपंच लखबीर सिंह ने बताया कि इसी सप्ताह राजस्व मंत्री से बैठक होगी और उनके सामने पूरी स्थिति रखी जाएगी। उन्होंने बताया कि कम रेट पर ग्रामीण अपनी जमीन देने को तैयार नहीं हैं।

कम रेट पर रजिस्ट्रियां करवाने से हो रहा नुकसान

भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के अनुसार जमीन के रेट तय करने के लिए नोटिफिकेशन जारी होने से तीन साल पहले हुई रजिस्ट्रियों की कीमत को आधार बनाया जाना है। तीन साल में जो सबसे ज्यादा कीमत पर रजिस्ट्री हुई है उसका औसत निकाल कर जमीन की बेसिक कीमत तय होनी है। रेवेन्यू डिपार्टमेंट ने सबसे ज्यादा रेट पर हुई रजिस्ट्रियां निकाली हैं। उनका औसत करीब 6.50 लाख रुपये बन रहा है, जबकि ग्रामीणों का कहना है कि इलाके में मार्केट रेट 35 से 40 लाख रुपये प्रति एकड़ रहा है।

लोगों ने कम रेटों पर रजिस्ट्रियां करवाई, जिसका खामियाजा अब ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है। अगर 35 लाख रुपये प्रति एकड़ के रेट के हिसाब से रजिस्ट्री करवाई होती तो इस वक्त ग्रामीणों को 80 से 90 लाख रुपये प्रति एकड़ मिल जाते।

बैठक में कीमत को लेकर अफसरों ने चर्चा ही नहीं की

10 जनवरी को ग्लाडा के अफसर एतियाणा गांव में गए थे और उस दिन उन्हें एतराजों के साथ-साथ ग्रामीणों के साथ जमीन के रेट पर भी बात करनी थी। अगर उस दिन रेट पर सहमति बन जाती तो सरकार रेट का नोटिफिकेशन जारी कर देती, लेकिन अफसरों ने उस बैठक में जमीन की कीमत को लेकर ग्रामीणों से कोई बात नहीं की। 

हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.