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डिजिटलाइजेशन ने पकड़ी रफ्तार, फायदेमंद साबित हुई वीडियो कांफ्रेंसिंग, ई-कोर्ट्स की सुविधा

आठ साल से अदालतों में चल रहे आधुनिकरण के प्रयास का सही फायदा वकीलों व न्यायपालिका को लॉकडाउन में पता चला।

By Vipin KumarEdited By: Published: Tue, 09 Jun 2020 11:53 AM (IST)Updated: Tue, 09 Jun 2020 11:53 AM (IST)
डिजिटलाइजेशन ने पकड़ी रफ्तार, फायदेमंद साबित हुई वीडियो कांफ्रेंसिंग, ई-कोर्ट्स की सुविधा

लुधियाना, जेएनएन। आठ साल से अदालतों में चल रहे आधुनिकरण के प्रयास का सही फायदा वकीलों व न्यायपालिका को लॉकडाउन में पता चला। इस अवधि के दौरान आधुनिकरण व डिजिटलाइजेशन का भरपूर फायदा उठाया गया। 16 मार्च के बाद अदालतों में सिर्फ जरूरी कामकाज ही हो रहा है जिसमें अत्यंत जरूरी सिविल व फौजदारी मामले शामिल हैं। जिला व सेशन जज गुरबीर सिंह के निर्देशों के अनुसार अदालतों में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कामकाज करने की सुविधा दी गई है। ई-कोर्ट्स का भी वकीलों व मुव्वकिलों ने घर बैठे केस की लेटेस्ट जानकारी पाई।
पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट की तरफ से ई-मेल के जरिये जमानत याचिकाओं व जरूरी दीवानी मामलों को दायर करने की सुविधा उपलब्ध करवाई गई। इस दौरान यह बात देखने में आई कि जो वकील अच्छे नेटवर्क से जुड़े हुए थे। उन्होंने इस सुविधा का ज्यादा फायदा उठाया। दूसरी ओर, जिन वकीलों के पास वाईफाई या अत्याधुनिक संसाधन नहीं थे। वह इसका अच्छे ढंग से लाभ नहीं उठा पाए। इससे यह पता चलता है कि आने वाले समय में वकीलों को आधुनिक संसाधनों से संपन्न होना होगा।

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बार संघ को सभी वकीलों को नए युग से जोडऩा जरूरी
अदालतों में इंफ्रास्ट्रक्चर की कोई कमी नहीं है। पर्याप्त मात्रा में कंप्यूटर व स्टाफ मौजूद है, लेकिन वकीलों के पास इतनी सुविधाएं नहीं है। इसलिए लॉकडाउन के बाद यह बात पूरी तरह समझ में आ जानी चाहिए कि प्रत्येक वकील को इसके लिए पूरी तरह से तैयार होना पड़ेगा और इस मामले में जिला बार संघ के पदाधिकारियों की जिम्मेदारी भी बढ़ जाती है कि वह सदस्यों को तेजी से बदलते आधुनिकरण के युग से अवगत कराएं। हालांकि इस संबंध में हाईकोर्ट को भी अवगत करवाया था। जहां से बताया जा रहा है कि हाईकोर्ट ने जिला व सेशन जज को सबसे पहले ई फाइलिंग सुविधा के लिए वकीलों को तैयार करने की जरूरत पर बल दिया।

कोर्ट मैनेजर की तैनाती के बाद अाया सुधार
सेशन कोर्ट की तरफ से आने वाले समय में रजिस्टर्ड करीब 2600 वकीलों के डिजिटल सिग्नेचर भी लिए जाएंगे ताकि ई फाइलिंग का प्रोसेस शुरू किया जा सके। अदालतों में सिस्टम ऑफिसर को 2013 में नियुक्त कर दिया था। उन्होंने अदालतों में पड़ने वाले केसों की तारीख और ऑर्डर को कंप्यूटर में फीड करना शुरू कर दिया था। 2014 में हाई कोर्ट ने पंजाब की अदालतों में कोर्ट मैनेजर की नियुक्ति की थी। इसके बाद आधुनिकिकरण व डिजिटलाइजेशन ने काफी रफ्तार पकड़ ली। इस समय 100 एमबीबीएस स्पीड पर जिला अदालतों में लीज लाइन उपलब्ध है।

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