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लुधियाना में सब्जी मंडी पार्किंग कांट्रेक्ट कंपनी ने ठोका मार्केट कमेटी पर केस, यूजर्स चार्जेस वसूलने से रोकने का लगाया आरोप

जालंधर बाइपास स्थित नई सब्जी मंडी की पार्किंग का कांट्रेक्ट लेने वाली कंपनी ने मार्केट कमेटी पर अदालत में केस ठोका है। आरोप है कि टेंडर में दर्ज इकरारनामें के अनुसार मार्केट कमेटी तथा उसके अधिकारी उन्हें यूजर्स चार्जेस वसूलने से रोक रहे हैं।

By Vinay KumarEdited By: Published: Fri, 20 Aug 2021 04:42 PM (IST)Updated: Fri, 20 Aug 2021 04:42 PM (IST)
लुधियाना में सब्जी मंडी पार्किंग कांट्रेक्ट कंपनी ने मार्केट कमेटी के खिलाफ अदालत में केस दायर किया है।

जागरण संवाददाता, लुधियाना। लुधियाना में जालंधर बाइपास स्थित नई सब्जी मंडी की पार्किंग का कांट्रेक्ट लेने वाली कंपनी ने मार्केट कमेटी तथा उसके अधिकारियों के खिलाफ अदालत में केस दायर किया है। कांट्रेक्ट कंपनी का आरोप है कि टेंडर में दर्ज इकरारनामें के अनुसार मार्केट कमेटी तथा उसके अधिकारी उन्हें यूजर्स चार्जेस वसूलने से रोक रहे हैं। जिसके कारण उनकी कलेक्शन प्रभावित हो रही है। सब्जी मंडी में पार्किंग का कांट्रेक्ट चला रही राय इंटरप्राइजेस के अंगद राय ने बताया कि उन्होंने 3 अप्रैल को मंडी का ठेका 4.38 करोड़ रुपये में उठाया था। जबकि उसका रिजर्व प्राइज 2.4 करोड़ रुपये था।

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कांट्रेक्ट में स्पष्ट लिखा गया है कि पार्किंग ठेकेदार मंडी के अंदर फल व सब्जी की रेहड़ी फड़ी लगाने वालों से यूजर्स चार्जेस वसूल करेगा। इसके अलावा जो भी कोई मंडी के अंदर का किसी प्रकार का इंफ्रास्ट्रक्चर इस्तेमाल करेगा, कांट्रेक्टर उससे यूजर्स चार्जेस ले सकता है। मगर ठेका लेने के बाद मंडी बोर्ड, सेक्रेटरी, चेयरमैन तथा मार्केट कमेटी के डीएमओ उन्हें यूजर्स चार्जेस वसूल करने से लगातार रोक रहे हैं। जबकि इकरारनामे में लिखा कि टेंडर में जो लिखा है वो इकरारनामे का हिस्सा है। फल सब्जी वाली रेहड़ियों से भी पैसे वसूलने के आर्डर है।

उनका आरोप है कि पूछने पर उन्हें बताया गया कि यूजर्स चार्जेस वसूल करने वाली लाइनें टेंडर में गलती से छत गईं। वो आपके लिए नहीं हैं। जब उनसे पूछा गया कि ऐसे गलती से छपी लाइनों को लेकर कोई स्पष्टीकरण (कोरिरेंडम) निकाला गया, तो उसका किसी अधिकारी के पास कोई जवाब नहीं है। जबकि असूलन यदि कोई भी चीज टेंडर में फालतू लिख दी गई हो तो उसके लिए बाद में कोरिरेंडम दिया जाता है। अंगद राय ने कहा कि कांट्रेक्ट लेने से पहले उन्होंने पूरा डाक्यूमेंट पढ़ा, उसके हिसाब से उन्होंने बोली लगा कर ठेका लिया। इससे पहले आज तक जितने भी ठेकेदारों ने कांट्रेक्ट लिया है, वो मंडी में यूजर्स चार्जेस वसूल करते आए हैं। यह कोई नई बात नहीं है। मगर इस बार मार्केट कमेटी खुद यूजर्स चार्जेस वसूल कर रही है।


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