पंजाबी भवन के मंच पर हेमा ने कराए गढ़ संस्कृति के दर्शन
गढ़वाल की प्रसिद्ध लोक गायिका हेमा नेगी करासी ने पंजाबी भवन के मंच पर गढ़ संस्कृति के दर्शन करवाए।
जागरण संवाददाता, लुधियाना : गढ़वाल की प्रसिद्ध लोक गायिका हेमा नेगी करासी ने पंजाबी भवन के मंच पर गढ़ संस्कृति के दर्शन करवाए। गढ़वाल जन कल्याण सभा के कार्यक्रम रैबार में हेमा ने नंदा देवी राजजात की प्रस्तुति देते हुए जहां गढ़वाल की देव संस्कृति का प्रदर्शन किया वहीं जागर व अन्य विधा में गीत गाकर गढ़ संस्कृति के दर्शन करवाए। हेमा नेगी व उनकी टीम ने शानदार प्रस्तुति देकर पंजाबी भवन के सभागार में बैठे दर्शकों का मन मोह लिया। उन्होंने भगवान नरसिंह, ब्रदीनाथ, केदारनाथ के जागर गाए, उसके साथ ही अपने प्रसिद्ध गीत गिर गेंदुआ, मेरी बामणीं, चेत की चेत्वाली जैसे गीतों पर दर्शकों को नाचने पर मजबूर कर दिया। हेमा नेगी ने अपने गीतों के माध्यम से लुधियाना में रह रहे उत्तराखंडियों को गांवों के पलायन के दर्द को दूर करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि देश विदेश में जहां भी रहो, लेकिन अपने गांव और अपनी संस्कृति को जीवित रखने के लिए गांव जरूर जाएं। वहीं अपने खुदेड़ गीतों के जरिए हेमा ने दर्शक दीर्घा में बैठी महिलाओं की आंखों को नम कर दिया।
गढ़वाल जनकल्याण सभा के पदाधिकारियों ने भी मंच से सभागार में बैठे उत्तराखंडियों से आग्रह किया कि वह अपने बच्चों को गढ़वाली भाषा और गढ़वाल की संस्कृति से जरूर रूबरू करवाएं। कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्ज्वलन कर किया। संस्था हर साल करती है रैबार का आयोजन
सभा के प्रधान जर्नाधन भट्ट ने आए हुए सभी अतिथियों व कलाकारों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि संस्था हर साल रैबार कार्यक्रम का आयोजन करती है और लुधियाना में रह रहे उत्तराखंडियों को पहाड़ की संस्कृति से रूबरू करवाते हैं। उन्होंने कहा कि इस मकसद अपनी संस्कृति को जुड़े रहना है। कांग्रेस के जिला प्रधान अश्वनी शर्मा, शिअद के जिला प्रधान रणजीत सिंह ढिल्लो, भाजपा के प्रधान जतिदर मित्तल, गढ़वाल प्रतिनिधि सभा के प्रधान दयाराम ढोंढियाल, एचवीएम कांवेंट स्कूल के संचालक डीपी शर्मा, संदीप नेगी, रमाकांत धनपुरी, सुरेंद्र सिंह रावत, विनोद नेगी, सुदर्शन सिंह गोसाईं, सभा के संयोजक मनवर सिंह रावत, भगवती प्रसाद जोशी, विनोद भट्ट, प्रेम सिंह, भुवनेश भट्ट व अन्य उपस्थित रहे। समारोह को उत्तरांचल एकता समिति, राठ त्रिपटी संस्था, गढ़वाल भ्रातृमंडल, टिहरी विकास मंडल, उत्तरांचल कुमाऊं विकास परिषद व अन्य संस्थाओं का भी सहयोग मिला।