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बुड्ढा दरिया की अमृत धारा बन गई जहर, इस गांव के 25 लोगों से छीन ली जिंदगी

कभी अमृत की धारा बनकर बहने वाले बुड्ढा दरिया का पानी अब निर्मल नहीं रहा है। इसका गंदा पानी गांव गौंसपुर के बांशिदों के लिए श्राप बन गया है।

By Sat PaulEdited By: Published: Sun, 09 Jun 2019 12:21 PM (IST)Updated: Sun, 09 Jun 2019 02:09 PM (IST)
बुड्ढा दरिया की अमृत धारा बन गई जहर, इस गांव के 25 लोगों से छीन ली जिंदगी

लुधियाना, [राजेश शर्मा]। कभी अमृत की धारा बनकर बहने वाले बुड्ढा दरिया का पानी अब निर्मल नहीं रहा है। इसका गंदा पानी गांव गौंसपुर के बांशिदों के लिए श्राप बन गया है। दैनिक जागरण की टीम गांव गौंसपुर में पहुंची तो गांव वालों की व्यथा ने झकझोर कर रख दिया। लुधियाना से 20 किलोमीटर दूर बसे एक हजार की आबादी वाले इस गांव में शायद ही कोई ऐसा घर होगा, जिसमें कोई मरीज न हो। यहां के घरों में काला पीलिया, कैंसर, जोड़ों के दर्द, चमड़ी के रोगों ने पांव पसार रखे हैं। हालात तो यहां तक बदतर हैं कि रिश्तेदारों तक ने गांव में आना ही छोड़ दिया है। अगर मजबूरी में कोई आ भी जाए तो उसका प्रयास रहता है कि कुछ खाए-पीए बिना वह उसी दिन मिलकर चला जाए।

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गांव वालों का कहना है कि काला पीलिया जैसी नामुराद बीमारी से गांव के 25 से अधिक व्यक्ति काल का ग्रास बन चुके हैं और करीब 35 अभी भी बीमार हैं। अफसोस कि अभी तक न पंजाब सरकार जागी और न ही प्रशासन। विधायक, जिला प्रशासन से लेकर सरकार तक गुहार लगा चुके हैं लेकिन कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं हुआ।

दरिया से उठ रही बदबू, पास से गुजरना भी मुश्किल

बुढ्डा नाला गांव गौंसपुर के लिए नासूर बन चुका है। गांव वालों की मानें तो काला पीलिया और कैंसर से 25 लोग काल का ग्रास बन चुके हैं। 35 लोग अभी भी खतरनाक बीमारियों से जूझ रहे हैं। महंगे इलाज ने इन परिवारों की कमर तोड़ कर रख दी है। गांववासियों को गिला है कि सरकार, प्रशासन और संबधित विभागों ने उन्हें मरने के लिए छोड़ दिया है। कोई सुध लेने नहीं आता। हालात ऐसे हैं कि गंदे पानी से उठ रही बदबू इतनी भयंकर है कि दरिया के पास से गुजरना भी मुश्किल है। जिन लोगों को 24 घंटे इसी के आसपास रहना है, उनकी दुर्दशा का अंदाजा आप सहज ही लगा सकते हैं।

गौंसपुर के पंच सुखविंदर सिंह गांव की बर्बादी की वजह बने बुढडे नाले की बदहाली दिखाते हुए।

पानी इतना दूषित हो चुका कि खेती भी उजड़ गई

गांववासियों पर बुढ्डे नाले ने दोहरी मार की। आबोहवा इतनी दूषित हो गई कि प्रत्येक घर में कोई न कोई व्यक्ति बीमार हो गया। जो बचत थी, वह महंगे इलाज में खर्च हो गई। वहीं बुड्ढा दरिया ने जमीनी पानी को इतना दूषित कर दिया कि उसने फसल ही बर्बाद करके रख दी। कुछ वर्ष पहले तक जो जमींदार थे, वह अब दिहाड़ी करने के लिए मजबूर हो गए। रही सही कसर गांव में लगी फैक्ट्रियों ने पूरी कर दी।

कइयों ने तोड़ा दम, बुजुर्गों के साथ युवा भी बीमारी की चपेट में

दैनिक जागरण की टीम को गांव वालों ने व्यथा सुनाई। भयंकर बुदूबू में जी रहे इन वांशिदों को गिला है कि कोई सुध नहीं ले रहा। 55 वर्षीय बसंत सिंह की पत्नी जसविंदर कौर एक महीने पहले ही कालापीलिया से दम तोड़ गई। 32 साल का भतीजा गुरभेज सिंह, 30 वर्षीय भतीजा गुरतेज सिंह और 28 साल का भतीजा जगजीत सिंह बीमारी से लड़ते हुए जवानी में ही बुजुर्ग हो गए। 45 साल के जगजीत सिंह की सफेद दाढ़ी देखकर हमने उसकी उम्र का अदांजा 60 साल लगाया। जगजीत की पत्नी 2012 में काला पीलिया का शिकार होकर भगवान को प्यारी हो गई। 22 साल का जगजीत सिंह काला पीलिया का शिकार है। 22 वर्षीय धर्म सिंह की किडनी काम नहीं कर रही। कुलदीप सिंह की पत्नी की सात साल पहले काला पीलिया से मौत हो गई। डीएमसी में इलाज करवाते हुए बचत के पांच लाख भी चले गए।

पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की ओर से गांव गौंसपुर से गुजर रहे बुड्ढा नाले में आॅक्सीजन मात्र बढ़ाने के लिए लगाया गया उपकरण।

तीन बार विधानसभा में मुद्दा उठा चुका हूं: विधायक

विधानसभा गिल के विधायक कुलदीप सिंह वैद्य का कहना है‍ कि बुड्ढा दरिया की समस्या बेहद गंभीर है। लोगों की हो रही मौतों संबंधी व इस समस्या को मैं तीन बार विधानसभा के पटल पर भी रख चुका हूं। मैंने डिप्टी कमिश्नर और सिविल सर्जन को भी इस समस्या से निपटने के लिए कहा है। गांव गौंसपुर में जहां तक गंदे पानी की समस्या है उसका हल मैं वहां आरओ सिस्टम लगवाकर कर दूंगा। नाले की सफाई का अभियान पंजाब सरकार नामधारी समाज के सहयोग से चला रही है। अच्छे नतीजे भी आ रहे हैं। गांव गौंसपुर की समस्या को प्राथमिकता के आधार पर हल किया जाएगा।

गांव में सर्वे करवाने जा रहे हैं: असिस्टेंट सिविल सर्जन 

असिस्टेंट सिविल सर्जन डॉक्टर बलविंदर सिंह का कहना है कि हमने गांव में पहले भी सर्वे करवाया था। अब फिर से करवाने जा रहे हैं। जहां तक पीलिया का सवाल है, वह दूषित पानी से होता है। अगर काला पीलिया की शिकायत है तो उसकी वजह दूषित पानी के अलावा और भी होती है। सर्वे में चेक करवाएंगे कि आखिरकार इन बीमारियों की वजह क्या है और इसका समाधान क्या है। इसी के आधार पर मरीजों का इलाज करवाने की व्यवस्था करवाएंगे।

डॉ. अजीत सूद और डॉ. प्रभजोत करेंगे गांववासियों का फ्री इलाज

काला पीलिया से जूझ रहे गांव वालों के लिए राहत की खबर है कि डीएमसी गेस्ट्रो विभाग के प्रमुख डॉक्टर अजीत सूद व डॉक्टर प्रभजोत  गांव गौंसपुर के मरीजों का निशुल्क इलाज करेंगे। दैनिक जागरण ने डॉ. अजीत सूद से संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि उनकी टीम ने ऐसे कई गांव गोद ले रखे हैं। समय-समय पर इन गांवों में कैंप लगाकर मेडिकल चेकअप के जरिए वहां फैल रही बीमारियों का पता लगाया जाता है। उनका इलाज भी निशुल्क किया जाता है। गौंसपुर के मरीजों का इलाज भी वह कर रहे हैं। आने वाले दिनों में प्राथमिकता के आधार पर गौंसपुर में मेडिकल कैंप लगाकर मरीजों का इलाज निशुल्क किया जाएगा।

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