Weather: लुधियाना में टूटा 12 साल का रिकाॅर्ड, नवंबर में ही 21.0 डिग्री तक लुढ़का पारा
12 साल बाद 22 नवंबर को दिन का तापमान इतना नीचे लुढ़का है। रिकाॅर्ड के अनुसार वर्ष 2006 में 22 नवंबर को अधिकतम तापमान 21.5 डिग्री सेल्सियस रिकाॅर्ड किया गया था।
लुधियाना, जेएनएन। सर्दी ने अपने रंग दिखाने शुरू कर दिए है। एक हफ्ते से लगातार बादल छाए रहने के कारण तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है। 22 नवंबर को दिन का तापमान इतना लुढ़क गया कि 12 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। बादलों के पूरा दिन हावी रहने के चलते शहर में 22 नवंबर को अधिकतम तापमान लुढ़ककर 21.0 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो कि सामान्य से 4.2 डिग्री सेल्सियस कम था।
22 नवंबर 2006 को लुढ़का था इतना तापमान
पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ क्लाइमेट चेंज एंड एग्रीकल्चरल मेट्रोलॉजिकल के रिकाॅर्ड की मानें तो 12 साल बाद 22 नवंबर को दिन का तापमान इतना नीचे लुढ़का है। पीएयू के मौसम विभाग के रिकाॅर्ड के अनुसार वर्ष 2006 में 22 नवंबर को अधिकतम तापमान 21.5 डिग्री सेल्सियस रिकाॅर्ड किया गया था। इसके बाद अब जाकर अधिकतम तापमान 21.0 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़का है। बीच के वर्षों में अधिकतम तापमान अकसर 24 डिग्री सेल्सियस से 29 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा है।
वर्ष अधिकतम तापमान (डिग्री सेल्सियस में)
2007 26.5
2008 25.4
2009 24.3
2010 25.4
2011 27.4
2012 25.0
2013 26.0
2014 25.2
2016 25.2
2015 26.0
2016 29.2
2017 24.0
2018 26.2
धूप रही गायब, छाए रहे बादल
पीएयू की मौसम वैज्ञानिक डॉ. केके गिल के अनुसार वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के प्रभाव की वजह से ही शुक्रवार को धूप गायब रही और पूरा दिन बादल छाए रहे। बीच-बीच में हवाएं भी चलीं। सुबह के समय (फॉग) धुंध भी रही, लेकिन राहत में स्मॉग नहीं थी।
आगे: आज भी छाए रह सकते हैं बादल
शनिवार सुबह के समय धुंध और बादल छाए रह सकते हैं, जिससे ठंड और बढऩे का अनुमान है।
बुजुर्ग रहें सावधान:अ मौसम सही हो तभी करें सैर
करतार सिंह सराभा अस्पताल के मेडिसन विशेषज्ञ डॉ. गुरमीत सिंह ने कहा कि पिछले तीन-चार दिन से शहर में स्मॉग, फॉग और बादलों का प्रभाव देखने को मिल रहा है। यह मौसम उन लोगों के लिए खतरनाक है, जिन्हें ब्रोंकाइटिस, ब्रोंकियल अस्थमा (दमा), सीओपीडी की शिकायत है। एलर्जिक और अधिक उम्र वाले लोगों के लिए भी यह मौसम सही नहीं है। ऐसे मरीज सुबह-सुबह सैर व एक्सरसाइज न करें। इंडोर में एक्सरसाइज की जा सकती है। धूप निकलने पर सैर के लिए जा सकते हैं। दूसरा, यह ठंड की शुरुआत है। अभी से ही बचाव के लिए गर्म कपड़े पहनें। अगर घर से बाहर कहीं दूर जाना हो, तो अच्छे मॉस्क लगाकर निकलना चाहिए।
हृदय रोगियों का रखें ख्याल
पंचम अस्पताल के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. आरपी सिंह ने कहा कि हृदय रोगियों के लिए मौसम बेहद खराब है। इस समय वातावरण में धूल मिट्टी काफी ज्यादा मिली हुई है। ठंड की वजह से हृदय रोगियों का ब्लड प्रेशर बढ़ रहा है। पसीना न आने से बॉडी में से पानी बाहर नहीं निकल रहा, जिस कारण रोगियों को सांस लेने में दिक्कत आ रही है। हार्ट फेलियर व हार्ट अटैक के मामले बढ़ गए हैं। ऐसे में जिन लोगों को हार्ट की प्रॉब्लम है, वे घर से बाहर न निकलें। सुबह की सैर करने न जाएं। दिन में तभी सैर करें, जब धूप निकली हो। जिन्हें ब्लड प्रेशर की शिकायत है, वह अपने चिकित्सक के पास रेगुलर बीपी चेक करवाकर अपनी डोज एडजस्ट करवाएं।
बच्चों को बचाकर रखें
सिविल अस्पताल के शिशु रोड विशेषज्ञ डॉ. हरप्रीत सिंह ने कहा कि जिस तरह से ठंड एकाएक बढ़ी है, वैसे मौसम में बच्चों को अस्थमा के अटैक काफी बढ़ जाते हैं। ऐसे में कोशिश होनी चाहिए कि बच्चों को घर से बाहर कम लेकर जाएं। अगर जाना भी पड़े तो मॉस्क पहनाकर ले जाए। इस मौसम में बच्चों में निमोनिया, एलर्जी के मामले काफी बढ़ जाते हैं। अभिभावकों को मौसम के अनुरूप बच्चों को गर्म कपड़े पहनाकर रखने चाहिए। सिर पर टोपी, जुराबे और स्वेटर पहनाना जरूरी है।
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