सड़कों पर बढ़ रहा वाहनों का भार, ट्रैफिक को कंट्रोल करने में पुलिस लाचार
शहर के विभिन्न चौराहों व सड़कों पर यातायात को नियंत्रित करने में ट्रैफिक पुलिस लाचार नजर आती है। कम नफरी के साथ-साथ पुलिस आम संसाधनों की कमी से भी जूझ रही है।
[लुधियाना, राजन कैंथ] शहर के विभिन्न चौराहों व सड़कों पर यातायात को नियंत्रित करने में ट्रैफिक पुलिस लाचार नजर आती है। कम नफरी के साथ-साथ पुलिस आम संसाधनों की कमी से भी जूझ रही है। करीब 20 लाख की आबादी वाले शहर की ट्रांसपोर्ट अथॅारिटी में 12.2 लाख से ज्यादा वाहन पंजीकृत हैं। शहर में उन वाहनों को कंट्रोल करने के लिए केवल 213 अधिकारी व कर्मचारियों की नफरी है। रही सही कमी शहर में निर्माणाधीन ओवरब्रिज, फ्लाईओवर और पुलों ने पूरी कर दी। इसके चलते शहर का ट्रैफिक रेंग-रेग कर चलता है। ट्रैफिक रेगुलेट पर कम, चालान पर अधिक ध्यान एक बड़ी समस्या यह भी है कि ट्रैफिक पुलिस शहर में ट्रैफिक को रेगुलेट करने की बजाय चालान काटने पर जोर देती है।
ऐसे में कई बार भ्रष्टाचार के मामले भी सामने आते हैं। दूसरे शहरों व राज्यों से आने वाले वाहन चालक चालान कटवाने की बजाय ले-देकर मामला निपटाने में ही भलाई समझते हैं। 1 जनवरी से 31 अगस्त तक ट्रैफिक पुलिस ने कुल 2,36,529 वाहन चालकों के चालान काटे हैं।
इन 27 चौराहों पर तैनात है ट्रैफिक पुलिस
जालंधर बाइपास, बस्ती जोधेवाल चौक, समराला चौक, जमालपुर चौक, शेरपुर चौक, साहनेवाल चौक, ढोलेवाल चौक, विश्वकर्मा चौक, जगराओं पुल, लोकल अड्डा चौक, रेखी सिनेमा चौक, घंटा घर चौक, पुरानी सब्जी मंडी चौक, फव्वारा चौक, भारत नगर चौक, बस स्टैंड, प्रीत पैलेस चौक, गिल चौक, हीरो बेकरी चौक, पक्खोवाल नहर पुल चौक, भाई बाला चौक, आरती चौक, मलहार चौक, वेरका चौक, एमबीडी मॉल चौक तथा अरोड़ा पैलेस चौक। इन 26 चौराहों पर नहीं होते पुलिस कर्मी
काराबारा चौक, शिव पुरी चौक, ट्रांसपोर्ट नगर, वीर पैलेस चौक, ग्यासपुरा चौक, रेलवे स्टेशन, माता रानी चौक, दोमोरिया पुल गोल मार्केट चौक, सेशन चौक, दुर्गा माता मंदिर चौक, चीमा चौक, गुलाटी चौक, बाबा दीप सिंह चौक, इश्मीत चौक, फुलांवाल चौक, येस बैंक चौक, पीएयू गेट, अगर नगर चौक, लोधी क्लब रोड चौक, अय्याली चौक, जीएनई चौक, गिल बाइपास चौक, जस्सियां चौक, राजपुरा चौक तथा गोविंद गोधाम चौक।
250 और मुलाजिमों की है जरूरत
ट्रैफिक पुलिस में इस समय कुल 213 मुलाजिमों की नफरी है जिनमें दो इंस्पेक्टर, पांच सब इंस्पेक्टर, 28 एएसआइ, 70 हेड कांस्टेबल, 14 कांस्टेबल, 49 लेडी कांस्टेबल तथा 45 होम गार्ड जवान हैं। अधिकारियों की मानें तो शहर के ट्रैफिक को सही तरह से कंट्रोल करने के लिए मौजूदा समय में पुलिस को करीब 250 और मुलाजिमों की जरूरत है।
ट्रैफिक पुलिस ने अपनी डिमांड की लिस्ट भेजी
ट्रैफिक पुलिस ने चंडीगढ़ स्थित हेड क्वार्टर में अपनी डिमांड के अनुसार निम्नलिखित सामान की लिस्ट भेजी हुई है। मगर अब तक उसे भेजने के लिए कुछ नहीं किया गया। मोटरसाइकिल 30 छोटे वॉकी टॉकी सेट 25 बॉडी कैमरे 30 रिफ्लेक्टर जैकेट्स 300 रेन कोट 350 स्पीड राडार 08 फ्लैशर लाइट्स 300 बेरीकेड्स फ्रिक्सिंग लाइट्स 50 प्लास्टिक कोन 500 पानी वाले प्लास्टिक बेरिकेड्स 100 टायर लॉक 50 ई-चालान मशीन 40 मास्क 300 धूप वाली ऐनक 300
इतने उपकरण हैं खराब मौजूदा समय में
ट्रैफिक पुलिस के पास 74 एल्कोमीटर हैं, जिनमें से 20 खराब हैं। ई-चालान मशीनें 10 हैं, मगर उनमें से 9 खराब हैं। चार स्पीड राडार हैं, मगर उनमें से तीन खराब हैं। चार डीवीडी कैमरे हैं, जिनमें से तीन खराब हैं। 70 छोटे बेरिकड्स हैं, जिनमें से 20 कंडम हो चुके हैं। चार लेपटाप हैं, उनमें से दो खराब हैं।
ट्रैफिक पुलिस बेहतर काम कर रही :बराड़
एडीसीपी ट्रैफिक एसएस बराड़ ने कहा कि ट्रैफिक पुलिस पहले केवल 165 मुलाजिमों के साथ काम कर रही थी। मगर कुछ समय पहले टीम में 50 लोगों को शामिल किया गया है। मगर वो काफी नहीं है। संसाधनों की कमी के बावजूद ट्रैफिक पुलिस बेहतर काम कर रही है। करीब तीन महीने पहले हमने अपनी जरूरतों संबंधी हेड क्वार्टर को लिस्ट बना कर भेजी थी। वहां से थोड़ा बहुत सामान आता रहता है। अभी दस नए एलकोमीटर आए हैं। कुछ दिन पहले 300 कोन भेजे गए थे।
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