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Tokyo Olympics: घर लौटी ओलिंपिक में खेलने वाली पंजाब की पहली बॉक्सर सिमरनजीत कौर, गांव में जोरदार स्वागत, बजा ढोल

पंजाब की बॉक्सर सिमरनजीत बुधवार सुबह 8 बजे अपने घर पहुंची तो परिवार वालों व ग्राम पंचायत ने ढोल बजाकर खिलाड़ी का स्वागत किया। इस मौके पर सिमरनजीत कौर ने कहा कि ओलिंपिक खेलने पर उन्हें गर्व है। वहां तक पहुंचकर उन्होंने गांव का नाम रोशन किया।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Wed, 04 Aug 2021 05:20 PM (IST)Updated: Wed, 04 Aug 2021 09:48 PM (IST)
Tokyo Olympics: घर लौटी ओलिंपिक में खेलने वाली पंजाब की पहली बॉक्सर सिमरनजीत कौर, गांव में जोरदार स्वागत, बजा ढोल
टोक्यो से लौटी बॉक्सर सिमरनजीत कौर का लुधियाना के गांव चक्र में भव्य स्वागत किया गया।

बिंदु उप्पल, जगराओं (लुधियाना)। टोक्यो ओलंपिक 2020 में सूबे की पहली महिला बाक्सर सिमरनजीत कौर का बुधवार को गांव चक्र पहुंचने पर जोरदार स्वागत किया गया। सिमरनजीत बुधवार सुबह 8 बजे अपने घर पहुंची तो परिवार वालों व ग्राम पंचायत ने ढोल बजाकर खिलाड़ी का स्वागत किया। इस मौके पर सिमरनजीत कौर ने कहा कि ओलिंपिक खेलने पर उन्हें गर्व है। वहां तक पहुंचकर उन्होंने गांव का नाम रोशन किया। पहले ही दौर में बाहर होने वाली सिमरनजीत ने बताया कि उनकी असफलता का कारण यह भी है कि वह पहली बार 60 किलो वर्ग में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेली हैं। इससे पहले वह 64 किलो वर्ग, 54 किलो वर्ग, 51 किलो वर्ग तक खेली हैं। उन्होंने एशियन चैंपियनशिप में वर्ष 2019 में 64 किलो वर्ग में सिल्वर पदक जीता था। 60 किलो वर्ग ग्रुप में वह पहली बार खेली हैं। उनकी प्रतिद्वंद्वी अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में अधिक अनुभवी व पिछली ओलंपिक की विजेता भी थी। 

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शुरू से संघर्षों में रहकर जीता हर मुकाबला

मुक्केबाज सिमरनजीत कौर ने कहा कि बचपन से ही परिवार की तंगी कारण संघर्षाें का सामना किया। फिर पिता के बाद मुक्केबाजी के हर मुकाबले को जीतने के साथ परिवार की जिम्मेवारी भी थी। समय-समय पर मुक्केबाजी अभ्यास के लिए अकादमी व कोच का बदले। काफी संघर्ष किया। उन्होंने कहा कि अब वह मोहाली अकादमी में अभ्यास कर रही हैं। उन्हें क्यूबन कोच फर्नांडिज के नेतृत्व में कोचिंग दी जा रही है।  

कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए रास्ता साफ

मुक्केबाज सिमरनजीत कौर का कहना है कि टोक्यो ओलंपिक 2020 में चाहे सफलता नहीं मिली लेकिन इसमें भाग लेने से उसे भविष्य में होने वाली कॉमनवेल्थ गेम्स में खेलने का रास्ता साफ हो गया है क्योंकि इस गेम्स में वही खिलाड़ी ट्रायल दे खेल सकता है जोकि ओलंपिक खेला हो। इसके अलावा वर्ष 2022 में होने वाली वर्ल्ड चैम्पियनशिप सीनियर बॉक्सिंग खेलने का लक्ष्य है और स्वर्ण पदक जीतना है। 

शारीरिक व मानसिक रूप से स्ट्रांग होना बहुत जरूरी

ओलंपियड मुक्केबाज सिमरनजीत कौर ने कहा कि खेलने के लिए केवल शारीरिक तौर पर ही नहीं बल्कि मानसिक मजबूती भी जरूरी है। ओलंपिक खेलने से पहले मार्च में सिमरनजीत कौर कोरोना संक्रमित भी हो गई थी। उसने भी माना कि कोरोना से ठीक होने के बाद शारीरिक व मानसिक कमजोरी कारण वो पिछड़ गईं।  उन्होंने शारीरिक व मानसिक मजबूती के लिए अच्छी खुराक के साथ अपने लक्ष्य पर केंद्रित होकर ही अभ्यास करती रहेगी। 

सरकार खिलाड़ियों को दे अच्छे रैंक की नौकरी

ओलंपियड मुक्केबाज सिमरनजीत कौर ने कहा कि ओलंपिक में खेलना तो दूर यहां तक पहुंचना बड़ी बात है। उन्होंने कहा कि केंद्र व राज्य सरकारों को ओलंपियक तक पहुंचने वाले सभी खिलाड़ियों को अच्छे रैंक की नौकरी दें ताकि अन्य बच्चों की भी खेलों प्रति रूचि बढ़े और बच्चे छोटी उम्र से ही मुक्केबाजी जैसी खेलों को अपना कर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन कर सकें। 


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