परमात्मा की रचना का कोई तोड़ नहीं : कुमार स्वामी
लुधियाना महामंडलेश्वर ब्रह्मार्षि कुमार स्वामी ने साप्ताहिक प्रवचन में आन लाइन कहा कि परमात्मा ने ही कई प्रकार के मन और बुद्धि बनाए है जिनके अनुसार जीव क्रिया कलाप करते है परमात्मा जैसा कोई कुछ भी नहीं बना सकता। परमात्मा के द्वारा बनाई गई किसी भी रचना का कोई तोड़ भी नहीं है।
जेएनएन, लुधियाना
महामंडलेश्वर ब्रह्मार्षि कुमार स्वामी ने साप्ताहिक प्रवचन में ऑनलाइन कहा कि परमात्मा ने ही कई प्रकार के मन और बुद्धि बनाए हैं। जिनके अनुसार जीव क्रिया कलाप करते हैं। परमात्मा जैसा कोई कुछ भी नहीं बना सकता।
परमात्मा के द्वारा बनाई गई किसी भी रचना का कोई तोड़ भी नहीं है। जैसे परमात्मा ने सूर्य, पृथ्वी बनाई है वैसा कोई और नहीं बना सकता। मगर, हम धरती को बांट सकते हैं, देश बना सकते हैं। देश बनते और बिगड़ जाता है। रोजाना असंख्य प्राणी मृत्यु को प्राप्त हो जाते हैं। अनेकों युद्ध होते हैं, जिनमें लाखों वीर योद्धा शहीद हो जाते हैं। धर्म के नाम पर भी युद्ध होते हैं और पृथ्वी लाशों से भर जाती है। रक्तरंजित हो जाती है। ऐसा कोई भी स्थान नहीं है, जहां पर लाशें न गिरी हों या कोई मरा न हो। आप जहां बैठे हैं इसके नीचे भी जाने कितनी ही लाशें दबी हों और न जाने कितने लोग मरे हों।
लोग आत्मा-परमात्मा का नाम लेते तो हैं, लेकिन पता किसी को नहीं है। कोई कहता है यह ऊपर है, तो कोई कहता है नीचे। कोई कहता है भीतर है, तो कोई कहता है बाहर है। विज्ञान अपरा को मानता है। विज्ञान का मानना है कि गुरुत्वाकर्षण के नियम के आधार पर पृथ्वी पर सभी जड़ और चेतन टिके हुए हैं। पृथ्वी भी गुरुत्वाकर्षण के नियम से बंधी है। यदि यह गुरुत्वाकर्षण की शक्ति न हो, तो पृथ्वी किसी भी ग्रह या उपग्रह से टकरा जाएगी और नष्ट हो जाएगी। हम सभी का इस पर उपस्थित होना भी गुरुत्वाकर्षण के कारण ही है।