ट्रेनिंग स्टूडेंट के नाम प्लेटलेट्स लेकर बेचने गया कर्मी, मरीज ने पैसे न दिए तो ले भागा Ludhiana news
अस्पताल का स्टाफ करीब दो घंटे तक उस कर्मी को ढूंढता रहा लेकिन वह कहीं नहीं मिला। इमरजेंसी ड्यूटी में मौजूद डॉक्टर ने इसकी सूचना एसएमओ को दी।
लुधियाना, जेएनएन। शहर का सिविल अस्पताल अपनी कार्यप्रणाली को लेकर अकसर सुर्खियों में आता रहता है। इसी कड़ी में एक नया मामला सामने आया है। अस्पताल के एक दर्जा चार कर्मी ने एक मरीज को प्लेटलेट्स दिलाने के नाम उससे पांच हजार रुपये मांगे। खास बात यह रही कि उस कर्मी ने ब्लड बैंक में ट्रेनिंग कर रही स्टूडेंट के नाम पर दो यूनिट पीआरपी सेल (प्लेटलेट्स) इश्यू भी करवाए लिए। लेकिन जब मरीज के परिजनों ने पैसे देने से इंकार किया तो वह वो दोनों यूनिट लेकर भाग गया। इसके बाद अस्पताल में जमकर हंगामा हुआ।
अस्पताल का स्टाफ करीब दो घंटे तक उस कर्मी को ढूंढता रहा, लेकिन वह कहीं नहीं मिला। इमरजेंसी ड्यूटी में मौजूद डॉक्टर ने इसकी सूचना एसएमओ को दी।
जानकारी के मुताबिक सर्जिकल वार्ड में भर्ती मोती नगर की रहने वाली 35 वर्षीय सावित्री देवी के 17 हजार के करीब प्लेटलेट्स रह गए। मेडिसन विभाग के चिकित्सक ने दो यूनिट प्लेटलेट्स चढ़ाने के लिए कहा। डॉक्टर ने मरीज सावित्री के साथ आए उसके बेटे प्रीतम कुमार को ब्लड बैंक से ए पॉजीटिव प्लेटलेट्स लाने के लिए फार्म भरकर दिया। प्रीतम प्लेटलेट्स लेने के लिए ब्लड बैंक गया। वहां ड्यूटी पर तैनात लैब टेक्नीशियन ने उसे डोनर लाने के लिए कहा लेकिन डोनर न होने पर वह वापस लौट गया। प्रीतम के अनुसार अभी वह वार्ड में जाने के लिए सीढिय़ा चढ़ ही रहा था कि उसे भूषण नाम के दर्जा चार कर्मी ने रोक लिया। उस कर्मी ने कहा कि ब्लड बैंक में प्लेटलेट्स की कमी है। उसे प्लेटलेट्स नहीं मिलेंगे। यह सुनकर प्रीतम डर गया। उक्त कर्मी ने प्रीतम से कहा कि उसकी ब्लड बैंक में पूरी सेटिंग है। अगर वह उसे पांच हजार रुपये दे, तो वह तुरंत प्लेटलेट्स का इंतजाम कर देगा। कर्मी की यह बात सुनकर मां की जान बचाने के लिए प्रीतम ने हामी भर दी। इसके बाद उक्त दर्जा चार कर्मी ब्लड बैंक गया। उसने ब्लड बैंक में ट्रेनिंग पर आने वाली स्टूडेंट्स के नाम प्लेटलेट्स इश्यू करवाए और फिर वार्ड में पहुंचा। वहां उसने प्रीतम को प्लेटलेट्स देने के बदले पांच हजार रुपये मांगे। तभी प्रीतम ने पैसे देने से मना कर दिया। यह सुनते ही दर्जा कर्मी भड़क गया। बहसबाजी को देखकर नर्सिंग स्टाफ भी मौके पर पहुंच गई। इससे पहले कि नर्सिंग स्टाफ पूरा मामला समझ पाती, वह कर्मी प्लेटलेट्स के दोनों यूनिट लेकर फरार हो गया।
ब्लड बैंक में ट्रेनिंग में आने वाली स्टूडेंट्स ने भी किया गुमराह
गौर हो कि इस मामले में दर्जा चार कर्मी का साथ ब्लड बैंक में ट्रेनिंग कर रही स्टूडेंट ने दिया। बताया जा रहा है कि यह स्टूडेंट पिछले दो महीनों से ट्रेनिंग के लिए आ रही है। ड्यूटी पर तैनात लैब टेक्नीशियन सेमुअल ने बताया कि स्टूडेंट ने क्रॉस मैच रिपोर्ट व यूनिट रिसीव किया। स्टूडेंट ने कहा कि सर्जिकल वार्ड में उसकी रिश्तेदार एडमिट है। इसलिए, उन्होंने उसे यूनिट दे दिया। उन्हें नहीं पता था कि यह प्लेटलेट्स के यूनिट आगे उसने सफाई कर्मी को देने है। सेमुअल ने कहा कि प्लेटलेट्स इश्यू करने से संबंधित पूरा रिकार्ड उनके पास है।
जांच करवाने के बाद लेंगे एक्शनः एसएमओ
अस्पताल के एसएमओ डॉ. अविनाश जिंदल ने कहा कि इस मामले में शुक्रवार को जांच की जाएगी। अगर कर्मी कच्चा मुलाजिम हुआ तो उसे तुरंत निकाला जाएगा। अगर पक्का मुलाजिम हुआ, तो उस पर कार्रवाई के लिए विभाग के उच्च अधिकारियों को खत लिखा जाएगा।
मामला बेहद गंभीर, सख्त एक्शन लिया जाएगाः सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ. राजेश बग्गा ने कहा कि सरकारी अस्पताल के दर्जा चार कर्मी की तरफ से प्लेटलेट्स लेकर भाग जाने का मामला बेहद गंभीर है। इस पर सख्त एक्शन लिया जाएगा। शुक्रवार सुबह वह एसएमओ से इस मामले की जानकारी लेंगे। इसके अलावा जिस स्टूडेंट ने प्लेटलेट्स रिसीव किए, उस पर भी कार्रवाई होगी।
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