परंपरागत बाजार को लगे पंख, कोरोना काल में Online Business को तवज्जो देने लगे रिटेलर
गर्मी सीजन में लॉकडाउन एवं अनलॉक के बीच झूलते रिटेलरों को अब आने वाले त्योहारी सीजन से काफी उम्मीदे हैं। इसे देखते हुए वे अभी से ऑफलाइन के साथ ऑनलाइन का प्रयोग भी कर रहे हैं।
लुधियाना, राजीव शर्मा। परंपरागत बाजार को संक्रमण काल में तकनीक का तड़का पंख लगा रहा है। कोरोना काल में प्रतिबंधों के कारण रिटेलर अब सही मायने में डिजिटल युग में ऑनलाइन का महत्व समझ पा रहे हैं। नतीजतन अब उल्टी गंगा बहने लगी है, क्योंकि अब ग्राहक बाजार में नहीं, बल्कि बाजार ग्राहकों तक पहुंच रहा है। गर्मी सीजन में लॉकडाउन एवं अनलॉक के बीच झूलते रिटेलरों को अब आने वाले त्योहारी सीजन से काफी उम्मीदे हैं। इसे देखते हुए वे अभी से ऑफलाइन के साथ ऑनलाइन का प्रयोग भी कर रहे हैं। नए-नए तरीके, योजनाएं और तकनीक का सहारा लेकर ग्राहकों को लुभाया जा रहा है।
वर्चुअल शोरूम से लेकर वेबसाइट तक सभी कुछ ऑनलाइन करने का काम बाजार के वो लोग भी कर रहे हैं, जिनके द्वारा अब तक परंपरागत बाजार को ही महत्व दिया जा रहा था। बाजार की बदलती यह तस्वीर ऐसी संस्कृति की ओर बढ़ रही है, जिसमें कोविड-19 के संक्रमण के बाद भी ग्राहकों को खरीदारी के लिए दिक्कतें न हों। इस प्रयोग का रिटेलरों को सकारात्मक रिस्पांस भी मिल रहा है और वे इससे उत्साहित भी हैं। कारोबारियों का तर्क है कि कोविड महामारी ने उनको काम करने का नया अंदाज एवं विकल्प भी दे दिया।
कोविड के दौरान रेडिमेड गारमेंट्स से लेकर फल सब्जी विक्रेताओं ने भी ऑनलाइन के महत्व को पहचाना। लॉकडाउन के दौरान वाट्सएप एवं एप का फल-सब्जी, किरयाना विक्रेताओं समेत सभी रिटेलरों ने खुलकर कारोबार किया और अपना नया कस्टमर बेस बनाया। अब अनलॉक में भी उनका यह सिस्टम कामयाबी से चल रहा है। साफ है कि कोविड के चलते लोग घरों से कम निकले एवं ऑनलाइन शॉपिंग को तवज्जो दी। इससे ऑनलाइन के कारोबार में ग्रोथ आ रही है। उधर परंपरागत रिटेलरों के साथ-साथ दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनियों ने भी त्योहारी सीजन को लेकर कमर कसी हुई है। उनको भी इस सीजन में सात अरब डालर का कारोबार होने की उम्मीद है। ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री वाहन डीलरों ने अपनी वेबसाइट बना ली हैं और ग्राहकों को लुभाने के लिए उन्हीं पर ऑफर से लेकर कौन सी गाडिय़ां स्टॉक में हैं। कंपनियों द्वारा निकाले गए ई-ब्रोशर आदि साइट पर डाले जा रहे हैं। यह व्यवस्था पहले भी थी, लेकिन अब और प्रोफेशनली काम करने की रणनीति बनाई गई है।
ऑटोमोबाइल सेक्टर : शोरूम आने से पहले ऑनलाइन होमवर्क, पेपरलेस वर्क
फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन के पूर्व रीजनल चेयरमैन एवं दादा मोटर्स के मैनेङ्क्षजग डायरेक्टर नितिन दादा का कहना है कि कोविड के कारण फिजिकल डिस्टेंस नियम के कारण ग्राहक शोरूम में आने से पहले ही ऑनलाइन पूरा होमवर्क करते हैं। उनको ई-ब्रोशर, गाड़ी की कीमत, फीचर समेत हर चीज ऑनलाइन उपलब्ध कराई जा रही है। इसके अलावा गाड़ी की पेमेंट भी इलेक्ट्रॉनिकली वसूली जाती है। पूरा प्रोसेस पेपरलेस है और ग्राहक सिर्फ गाड़ी की डिलीवरी लेने ही शोरूम में आता है। उनका कहना है कि कोविड काल में ऑनलाइन कारोबार काफी मजबूत हुआ है।
गारमेंट सेक्टर : ऑनलाइन कारोबार उछल कर पचास फीसद हुआ
पंजाब क्लॉथ मर्चेंट्स एसोसिशन के महासचिव एवं प्रख्यात डिजाइनर वियर शोरूम नीलीबार के संचालक सोनू नीलीबार कहते हैं कि कोविड ने मार्केटिंग का नया विकल्प दे दिया है। अब रिटेलर फेसबुक, इंस्टाग्राम समेत अपनी अलग से एप्लीकेशन बनाकर भी नई-नई कलेक्शन ऑनलाइन डिस्पले कर रहे हैं। इन वर्चुअल शोरूम को बड़ी संख्या में ग्राहक रोजाना देखते हैं। इसके लिए बकायदा माहिरों की टीम काम करती है। साथ ही कस्टमर बैंक को भी रोजाना अपडेट किया जा रहा है। सोनू ने कहा कि पिछले साल उनका ऑनलाइन कारोबार महज दस फीसद था, अब यह उछल कर चालीस से पचास फीसद हो गया है।
इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर : ऑनलाइन पसंद कर उत्पाद लेने आ रहे ग्र्राहक
इलेक्ट्रॉनिक्स डीलर सुनील एजेंसीज के संचालक सुनील कुमार का कहना है कि उन्होंने भी कस्टमर का ग्रुप बना रखा है। ग्राहक को उसकी जरूरत के अनुसार उत्पाद का फोटो, विवरण, स्कीम समेत हर तरह की डिटेल ऑनलाइन भेजी जाती है। ग्राहक को ऑनलाइन की प्रोडक्ट पसंद करवा दिया जाता है। ऑनलाइन ही उसे पूरी जानकारी उपलब्ध करवा दी जाती है और उनकी जिज्ञासाओं को शांत किया जाता है। इसके बाद ग्राहक उत्पाद लेने के लिए ही शोरूम में आता है। उनका कहना है कि कोविड में ऑनलाइन बिक्री से लाभ मिला है।