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सतलुज पुल से गुजरना है तो घर से एक घंटा पहले चलें

लाडोवाल टोल प्लाजा पर किसान लगातार 12 दिन से धरने पर बैठे हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 19 Oct 2020 05:15 AM (IST)Updated: Mon, 19 Oct 2020 05:15 AM (IST)
सतलुज पुल से गुजरना है तो घर से एक घंटा पहले चलें
सतलुज पुल से गुजरना है तो घर से एक घंटा पहले चलें

जासं, लुधियाना : लाडोवाल टोल प्लाजा पर किसान लगातार 12 दिन से धरने पर बैठे हैं। किसानों ने टोल प्लाजा की ज्यादातर लेन बंद कर दी हैं और अब दोनों तरफ से दो-दो लेन से वाहन निकल रहे हैं। वहीं लुधियाना से जालंधर की तरफ वाले सतलुज पुल पर मरम्मत का काम चल रहा है। इस कारण वहां रोजाना लंबा जाम लग रहा है। हालात यह हैं कि टोल प्लाजा से पुल पार करने में आधा घंटा से ज्यादा का वक्त लग रहा है।

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रविवार की दोपहर करीब 12 से तीन बजे तक ऐसी स्थिति रही। टोल प्लाजा पर जाम में एक एंबुलेंस भी फंसी रही। उसका चालक हूटर पर हूटर बजाता रहा लेकिन जाम के कारण वह नहीं निकल पाया। टोल पर मौजूद पुलिस कर्मियों ने कड़ी मशक्कत के बाद एंबुलेंस को निकाला। सतलुज पुल से निकलने वालों को अभी 12 दिन और जाम से जूझना पड़ेगा क्योंकि कंपनी साफ कर चुकी है कि 31 अक्टूबर तक ही पुल रिपेयर हो सकेगा। इसलिए जो लोग इस पुल से गुजरकर कहीं जाने वाले हैं वह घर से करीब एक घंटा पहले ही निकलें, अन्यथा वह जाम में फंसने पर अपने गंतव्य तक देरी से पहुंच पाएंगे।

वहीं टोल प्लाजा से 12वें दिन भी वाहन बिना टोल चुकाए गुजरते रहे। किसानों ने टोल प्लाजा के सभी काउंटरों को अपने स्टिकर लगाकर सील भी कर दिया ताकि कोई शरारती तत्व काउंटरों के अंदर मशीनरी को नुकसान न पहुंचाए। रंग कर्मी साहिब सिंह ने नाटक पेश कर बढ़ाई किसानों की हिम्मत

रविवार को किसानों के आंदोलन में रंग कर्मी भी शामिल हुए। रंग कर्मी साहिब सिंह ने नाटक पेश कर किसानों को हिम्मत के साथ केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन करने के लिए प्रेरित किया। साहिब सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार किसान आंदोलन को हल्के में ले रही है। उन्होंने कहा कि अगर अन्नदाता इस तरह सड़कों पर बैठा रहा तो देश की स्थिति खतरनाक हो सकती है। किसान नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार उनकी मांगों की अनदेखी कर रही है लेकिन किसानों को सरकार गंभीरता से नहीं ले रही।


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