खुद को जानने वाली एक दिन खुदा बन जाता है
कोरोना वायरस ने दुनिया की सोच को बदल दिया है।
कृष्ण गोपाल, लुधियाना
कोरोना वायरस ने दुनिया की सोच को बदल दिया है। सभी पैसे के पीछे भाग रहे हैं, लेकिन महामारी सीख दे रही है कि दुनिया में आए हो तो अच्छे कर्म कर लो। भगवान महावीर का भी उपदेश है जीओ और जीने दो। इसके बावजूद दुनिया विपरीत काम कर रही है। इसी का नतीजा है कि प्राकृतिक आपदा से जिंदगी का जूझना। इसलिए चातुर्मास मेले के बीच सभी जप, तप व स्वाध्याय के साथ अपनों के साथ-साथ दूसरों की भी सोचें, यही भगवान महावीर का संदेश रहा है। मोती लाल जैन, संजय जैन निशा, केएल दुग्गड़ ने कहा कि कोरोना वायरस के बाद लोगों का जीवन व सोच बदल गई। आज लोग पैसे को जोड़ जोड़ कर रखने की कोशिश में जुटे हैं, लेकिन हमें सभी को इस भयावह माहौल में एक दूसरे का साथ देना चाहिए। महावीर की वाणी खुद जानने की शिक्षा देती है। जो खुद को जानता है, वह एक दिन खुदा बन जाता है। मोहिदर जैन, अश्वनी जैन, संजय जैन ने कहा कि वायरस को लेकर दुनिया में वैकसीन पर रिसर्च हो रही है। कुदरत की इस आपदा से पता चलता है कि हम कहां पर हैं। भगवान महावीर ने फरमाया है कि सज्झाएणं नाणावरणिज्जं कम्मं ख्वेई. अर्थात स्वाध्याय से ज्ञान की रुकावटें हट जाती हैं। हमें अर्थ का बोध हो रहा है। हमें प्रकिृत भाषा का ज्ञान नहीं है, पर स्वाध्याय हो तो यह रुकावट भी रिमूव हो जाती है।
सीमित वस्तु से असीमित इच्छाओं की पूर्ति नहीं
धीरज सेतिया, राजन जैन, रिचा जैन ने कहा कि भगवान महावीर का कथन है कि मानव की इच्छा का कोई अंत नहीं है। वस्तु सीमित है, जबकि हमारी इच्छाएं असीमित है। सीमित वस्तु से असीमित इच्छाओं की पूर्ति नहीं की जा सकती। क्योंकि इच्छा की पूर्ति तो कभी भी पूरी नहीं हो सकती। अत: सुख शांति के लिए इच्छा पूर्ति की ओर दौड़ने की बजाय उन इच्छाओं और आवश्यकताओं की मर्यादा बांधनी चाहिए।