अब 'बाबू' के कब्जे में नहीं रहेंगी एसीआर फाइल
शिक्षा विभाग एनुअल कॉन्फिडेंशियल रिपोर्ट को ऑनलाइन कर रहा है।
राजेश भट्ट, लुधियाना : टीचर्स की एनुअल कॉन्फिडेंशियल रिपोर्ट (एसीआर) की फाइलें जिला शिक्षा विभाग में महीनों तक बाबुओं के कब्जे में रहती हैं। टीचर्स अपनी फाइल हासिल करने के लिए डीईओ दफ्तर के चक्कर पर चक्कर लगाते हैं लेकिन बाबू फाइलों पर कुंडली मारकर बैठे रहते हैं। जिसकी वजह से टीचर्स को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। विभाग की तरफ से प्रमोशन केस मांगे जाने के वक्त तो एसीआर फाइल हासिल करना टीचर्स के लिए और भी मुश्किल हो जाता है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अब टीचर्स को एक ही क्लिक पर एसीआर फाइल मिल जाएगी। शिक्षा विभाग टीचर्स की एसीआर फाइलों को ऑनलाइन करने जा रहा है।
टीचर्स को नौकरी लगने से लेकर अब तक की सभी एसीआर को स्कैन करके शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर अपलोड करना होगा। उसके बाद स्कूल प्रिंसिपल या हेड को उसे ऑनलाइन ही वेरिफाई करके जिला शिक्षा अधिकारी को भेजना होगा। हेड की वेरिफिकेशन के बाद डीईओ भी ऑनलाइन ही उसे प्रवानगी दे देंगे। फिर टीचर्स का यह रिकार्ड ऑनलाइन ही रहेगा और टीचर्स को बार बार विभाग को अपनी एसीआर जमा नहीं करवानी पड़ेगी। सेक्रेटरी एजुकेशन कृष्ण कुमार ने कहा कि एसीआर ऑनलाइन होने से टीचर्स को रिलीफ मिलेगा। उन्होंने कहा कि विभाग टीचर्स से बार बार एसीआर की डिमांड नहीं करेगा।
अपलोड करने के लिए दी तीन ऑप्शन
शिक्षा विभाग ने टीचर्स को हिदायतें जारी की हैं कि वह अपनी एसीआर आवश्यक तौर पर अपलोड करें। एसीआर अपलोड करने के लिए तीन ऑप्शन दी गई हैं। जिन टीचर्स के बाद अपनी सभी एसीआर उपलब्ध हैं वह सीधे अपलोड कर लेंगे। जिनके पास एसीआर उपलब्ध नहीं हैं वह उपलब्ध नहीं का ऑप्शन क्लिक कर लेंगे। इसके अलावा जिन्हें बाद में एसीआर मिलने की उम्मीद है वह तीसरे ऑप्शन को क्लिक कर देंगे। वह बाद में एसीआर मिलने वार दोबारा अपलोड कर सकेंगे। प्रमोशन में होता है एसीआर का अहम रोल
प्रमोशन के दौरान एसीआर का अहम रोल होता है। एसीआर से टीचर्स की परफॉरमेंस का आंकलन किया जाता है। इसलिए शिक्षा विभाग प्रमोशन के वक्त टीचर्स से पिछले पांच साल की एसीआर मांगता है। अब एसीआर ऑनलाइन होने से विभाग प्रमोशन के वक्त भी एसीआर की मांग नहीं करेगा।