शिक्षकों की दो टूक: पंजाब सरकार जानबूझकर कर रही तंग, पर हम नहीं झुकेंगे
पिछले कई महीनों से रूके पड़े वेतन की मांग को लेकर 27 दिसंबर को मोहाली में राज्य स्तरीय मास डेपोटेशन प्रोग्राम होगा।
जेएनएन, लुधियाना। कांग्रेस सरकार पिछले दस दस सालों से शिक्षा विभाग में सेवा निभा रहे एसएसए, रमसा, माडल स्कूलों के अध्यापकों की सस्पेंशन व जबरदस्ती बदलियां और सात माह से वेतन न जारी करके उन्हें कम वेतन पर सहमति देने के लिए मजबूर कर रही है। जहां सरकार हमले पर हमला करके अपनी चालें चल रही है, वहीं उसके बेलगाम सेनापति अपनी मनमर्जी के साथ हर नियम कानून को मर्जी से लागू कर रहे हैं। यह कहना रहा एसएसए रमसा अध्यापक यूनियन लुधियाना के जिला महासचिव गगनदीप सिंह रौंता व जिला प्रेस सचिव अंकुश शर्मा का। वह अध्यापकों की मीटिंग को संबोधित कर रहे थे।
गगनदीप सिंह रौंता ने कहा कि कांग्रेसी नेताओं ने कहा कि सूबे की बदतर आर्थिक हालात को आधार के तौर पर पेश करके पिछले दिनों अध्यापकों के वेतन में 65 से 70 प्रतिशत तक की बड़ी कटौती की गई। जबकि दूसरी तरफ सूबे की सरकार द्वारा अपने मंत्रियों के लिए 81 करोड़ रुपये की लग्जरी गाडिय़ां खरीदी जा रही है। यहीं नहीं विधायकों के वेतन में भी भारी वृद्धि की जा रही है। जिससे स्पष्ट हो जाता है कि पंजाब सरकार अध्यापकों को जान बूझ कर तंग कर रही है। यूनियन नेताओं ने कहा कि एसएसए, रमसा व माडल स्कूल के अध्यापक सरकार के दबाव के आगे नहीं झुकेंगे।
पिछले कई महीनों से रूके पड़े वेतन की मांग को लेकर 27 दिसंबर को मोहाली में राज्य स्तरीय मास डेपोटेशन प्रोग्राम होगा। जिसमें बड़ी संख्या में अध्यापक शामिल होकर सरकार की अध्यापक विरोधी नीतियों को उजागर करेंगे। इस मीटिंग में नवनीत कौर, सारिका, मीनू जैन, जसपाल कौर, जगमीत सिंह, गुरप्रीत सिंह, प्रदीप बीजा, अनिल कुमार, नितिन कुमार व अन्य मौजूद थे।