नाक के जरिये गले तक पहुंचता है स्वाइन फ्लू का वायरस, इस तरह करें बचाव
स्वाइन फ्लू का वायरस नाक के माध्यम से गले तक पहुंचता है। गले में संक्रमण के बाद यह रोग आगे बढ़ता है।
जेएनएन, लुधियाना। शहर में स्वाइन फ्लू का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है।अगर हम थोड़ी सी सावधानी बरतें तो स्वाइन फ्लू से बचा जा सकता है। स्वाइन फ्लू का वायरस नाक के माध्यम से गले तक पहुंचता है। गले में संक्रमण के बाद यह रोग आगे बढ़ता है। अगर हम गुनगुने पानी में नमक मिलाकर गरारे करें तो इस रोग को शुरुआत में ही रोका जा सकता है। लुधियाना जिले में स्वाइन फ्लू के रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। शुक्रवार को स्वाइन फ्लू के तीन नए मरीज सामने आए हैं, जिसके बाद मरीजों की संख्या बढ़कर 13 तक पहुंच गई है। ऐसे में स्वाइन फ्लू को लेकर लोगों में दहशत नजर आ रही है। हर कोई स्वाइन फ्लू से बचाव के विकल्प तलाश रहा है।
यह हैं स्वाइन फ्लू के लक्षण
स्वाइन फ्लू से पीड़ित मरीज को सबसे पहले सामान्य जुकाम ही होता है, लेकिन इस जुकाम से संक्रमित व्यक्ति को 100 डिग्री या उससे अधिक बुखार की शिकायत भी होने लगती है।स्वाइन जैसे-जैसे मरीज के शरीर को अपनी चपेट में लेना शुरू कर देता है, वैसे-वैसे भूख कम होनी शुरू हो जाती है और नाक से पानी बहने लगता है।कुछ मरीजों को तो गले में जलन, सूजन, उबकाई, उल्टियां या डायरिया भी हो जाता है। तेज ठंड लगना, गला खराब हो जाना, मांसपेशियों में दर्द होना, तेज सिरदर्द होना, खांसी आना, कमजोरी महसूस करना आदि लक्षण स्वाइन फ्लू से पीड़ित मरीज में दिखाई पड़ते हैं।
जानें क्या कहते हैं विशेषज्ञ
डिस्ट्रिक एपिडेमोलॉजिस्ट डॉ. दिवजोत सिंह के अनुसार स्वाइन फ्लू का वायरस नाक के जरिए गले तक पहुंचता है। गले से संक्रमण करते हुए यह आगे बढ़ता है। अगर लोग नमक मिले गुनगुने पानी से गरारें करें तो गले में चिपके बैक्टिरिया व वायरस साफ हो जाते हैं।इस तरीके को अपनाकर इस रोग से शुरुआत से ही बचा जा सकता है।