वोट बैंक बचाने को दिया हरसिमरत बादल ने इस्तीफा: जाखड़
पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने वोट बैंक बचाने के लिए इस्तीफा दिया है।
जासं, लुधियाना : पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने वोट बैंक बचाने के लिए इस्तीफा दिया है। केंद्र सरकार की तरफ से किसान विरोधी बिल आने के बाद शिरोमणि अकाली दल (शिअद) घिर गई थी, लेकिन पहले इस बिल के तैयार होने के समय सांसद सुखबीर सिंह बादल इसकी पंजाब के लोगों के सामने जमकर तारीफ कर रहे थे। मगर जैसे ही पंजाब के किसानों ने बिल का विरोध किया तो तुरंत राजनीति के तहत हरसिमरत ने इस्तीफा दे दिया। यह बात यहां किसान मेले का उद्घाटन करने पहुंचे पंजाब कांग्रेस कमेटी के प्रधान सुनील जाखड़ ने कही।
जाखड़ ने कहा कि भाजपा ने किसान विरोधी बिल पास करने से पहले शिअद अध्यक्ष एवं सांसद सुखबीर सिंह बादल व पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत से एक बार भी चर्चा नहीं की। भाजपा ने सुखबीर बादल की आखें खोल दी और बता दिया कि वह पंजाब की जनता व किसानों के विरोधी हैं। इसके बाद सुखबीर बादल ने वोट बैंक बचाने के लिए तुरंत हरसिमरत से मंत्री पद से इस्तीफा दिलवाया।
शिअद और भाजपा दोगली नीति अपना रहे
शिअद और भाजपा के गठबंधन को लेकर जाखड़ ने कहा कि यह एक दोगली नीति अपना रहे हैं। एक तरफ भाजपा किसान विरोधी काम कर रही है और सुखबीर बादल कुछ मामलों में केंद्र सरकार के साथ समझौता कर गठबंधन नहीं तोड़ने की बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इससे साफ है कि शिअद सिर्फ वोट बैंक बचाने के लिए इस्तीफे की राजनीति कर रही है। जाखड़ ने कहा कि कांग्रेस हमेशा से ही किसानों के हित के लिए लड़ती रही है। इस किसान विरोधी बिल के खिलाफ कांग्रेस किसानों के साथ खड़ी है और केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलेगी।
कैप्टन ने की आशु की सराहना
कैप्टन अमरिदर सिंह ने खाद्य आपूर्ति विभाग के अन्न भंडारण पर खुशी जताई। उन्होंने कहा कि कोविड के दौरान उन्होंने किसानों के अन्न की पूरी खरीद की, जिससे किसानों को राहत मिली। उन्होंने इसके लिए मंत्री भारत भूषण आशु और उनकी टीम की सराहना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह लंबे समय से केंद्र सरकार को एफसीआइ के स्टॉक को क्लीयर करने की अपील कर रहे थे, ताकि नई फसल की खरीद हो सके। यह तो कोविड-19 महामरी आ गई और देश के अन्य हिस्सों में अन्न की जरूरत पड़ी। इसके बाद यहां से स्टॉक का अन्न भेजा गया, अन्यथा इस बार की फसल को रखने में समस्याएं आनी थी। इससे पहले सुनील जाखड़ ने लुधियाना के बचत भवन में मुख्यमंत्री को महामारी के बावजूद गेहूं की सुचारू खरीद और खरीफ की फसल की फसल के बेहतर प्रबंधों के लिए बधाई दी। नए कानूनों को किसानी क्षेत्र पर छाए काले बादल करार देते हुए जाखड़ ने कहा कि जब तक किसानों की वित्तीय सुरक्षा नहीं होती, तब तक कोई अनाज और पौष्टिक सुरक्षा नहीं हो सकती जिसको केंद्र सरकार इन कानूनों के साथ खत्म करने पर लगी है।