'अहंकार को मिटाने के लिए भगवान की शरण जरूरी'
वेद मंदिर में ब्रह्मलीन स्वामी भास्करानंद महाराज के निर्वाण दिवस के उपलक्ष्य में सुंदर कांड पाठ किया गया।
संस, लुधियाना : भारत धर्म प्रचारक मंडल द्वारा वेद मंदिर में ब्रह्मलीन स्वामी भास्करानंद महाराज के निर्वाण दिवस के उपलक्ष्य में सुंदर कांड पाठ किया गया। समारोह की अध्यक्षता वेदाचार्य स्वामी निगम बोध तीर्थ ने की।
इस दौरान श्री हनुमंत सेवा संगीत परिवार के मनमोहन भट्ट, शेखर डिमरी, राजन मेहंदीरत्ता, कृष्ण चौहान, राजीव शर्मा ने मिलकर संगीतमय श्री सुंदरकांड पाठ, फिर 'भजन राम नाम के हीरे मोती मैं बिखराऊं गली-गली, लहर-लहर लहराए रे झंडा बजरंगबली का.' आदि मधुर भजनों का गायन कर भक्तों को भाव-विभोर कर दिया। सुंदरकांड पाठ के दौरान स्वामी निगम बोध तीर्थ महाराज ने प्रवचन करते कहा कि अगर इंसान जीवन के हर मोड़ पर भगवान का नाम लेता रहे तो मरते समय नाम लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी, लेकिन सांसारिक उलझनों में जकड़े लोग ऐसा नहीं करते। जीवन में लोग अच्छे कार्य का श्रेय खुद को और बुरे कार्यो को भगवान की इच्छा बताते हैं। हम लोग हर जिम्मेदारी का श्रेय खुद को देते और लेते हैं। अगर हम ये मान कर चलें कि मेरा संसार में कोई काम नहीं, मेरी हर जिम्मेदारी भगवान के हाथ है, तो इंसान के जीवन से अहंकार का भाव खत्म हो जाएगा।
इस दौरान देवेश्वानंद तीर्थ ने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी भास्करानंद महाराज के निर्वाण दिवस 20 नवंबर को स्वामी निगम बोध तीर्थ महाराज की अध्यक्षता में श्रद्धा से मनाया जा रहा है। इसमें भारी संख्या में संत पहुंचेंगे। इस अवसर पर विश्न सरुप चोपड़ा, शिवराम, मोहिन भार्गव, जगदीश शर्मा, राजिद्र कपूर, बिट्टू प्रभाकर, वेद प्रकाश शर्मा, चिरंजी लाल शर्मा, राम रत्न शर्मा, हरिओम सहगल, विक्की गुगलानी, अशोक शर्मा बोबी, बलदेव चोपड़ा, पंडित सौरव, पंडित दीप वशिष्ठ आदि शामिल थे।