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तीन महीने में 42 लोगों ने मौत को लगाया गले, जानें क्या रही वजह

लुधियाना में पिछले तीन महीनों के दौरान 42 लोगों ने मौत को गले लगाया है। इनमें किशोर व स्कूली छात्र भी शामिल हैं।

By Sat PaulEdited By: Published: Fri, 16 Nov 2018 02:34 PM (IST)Updated: Fri, 16 Nov 2018 07:06 PM (IST)
तीन महीने में 42 लोगों ने मौत को लगाया गले, जानें क्या रही वजह
तीन महीने में 42 लोगों ने मौत को लगाया गले, जानें क्या रही वजह

राजन कैंथ, लुधियाना। अभिभावकों से जिद, पढ़ाई के चलते मानसिक तनाव और साथियों के प्रति असहनशीलता ने किशोरों में आत्महत्या की प्रवृति को बढ़ा दिया है। पिछले दो दिन के दौरान लुधियाना में दो किशोरों ने जिद के चलते आत्महत्या कर अपनी जान दे दी। अगर पिछले सवा तीन महीने के आंकड़ों पर नजर दौड़ाई जाए तो कमिश्नरेट के अंर्तगत आते क्षेत्र में कुल 42 लोगों ने मौत को गले लगाया। उनमें से जान देने वाले 9 किशोर और स्कूली छात्र थे।

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इंटरनेट का इस्तेमाल, बढ़ती डिमांड बढ़ा रहा तनाव

मनोचिकित्सक डॉ. राजीव गुप्ता ने बताया कि टीन एजर्स के दिमाग की वर्किंग अब टीनएजर्स न रह कर बालिग जैसी हो गई है। इंटरनेट के कारण उनका दिमाग अब रेस्टलेस हो गया है। इसके चलते बच्चे तनाव में रहने लगे हैं। उनका खर्च, डिमांड और उम्मीदें पहले से ज्यादा बढ़ चुकी हैं। जिन्हें वो हैंडल नहीं कर पा रहे हैं। छोटी सी समस्या आने पर भी बड़े घातक कदम उठा लेते हैं। माता-पिता को चाहिए कि जैसे ही उन्हें बच्चे के व्यवहार में बदलाव नजर आए, उसे छिपाने की बजाय उसकी पहचान करें। बच्चों पर पढ़ाई, खेल और सोशल मीडिया का प्रेशर कम करना बेहद जरूरी है। आज के बच्चे को हर चीज चाहिए। यह सामाजिक झुंझलाहट है, जो नजर आ रही है।

माता-पिता इन चीजों पर दें ध्यान

सिविल अस्पताल में बच्चों के माहिर डॉक्टर हरप्रीत सिंह का कहना है कि माता-पिता को बच्चों पर खास ध्यान देने की जरूरत है। वे बच्चों से ऐसा व्यवहार बनाकर रखें कि वह अपनी हर छोटी से छोटी बात उनके साथ शेयर करे। अगर उन्हें लगे कि उनके बच्चों के व्यवहार में बदलाव आ रहा है। उनका बच्चा छोटी-मोटी बातों से मरने की धमकियां दे रहा है तो इसे गंभीरता से लें। इस विषय में डॉक्टर से बात कर उनकी सलाह लें। तभी इससे बचा जा सकता है।

इन किशोरों ने दुनिया को कहा अलविदा

16 अगस्त : नेशनल कॉलोनी टिब्बा रोड में छठी के छात्र शिवम (12) ने फंदा लगा कर जान दे दी।

5 सितंबर : गांव थरीके में मौसा-मौसी के पास रहने वाली किशोरी वंदना ने फंदा लगा आत्महत्या की।

20 सितंबर : प्रताप सिंह वाला निवासी कृष्णा (13) ने पढ़ाई से परेशान होकर फंदा लगा लिया।

5 अक्टूबर : विजय नगर इलाके में एक 14 वर्षीय किशोरी जानू घर में फंदा लगाकर खुदकशी कर ली।

5 अक्टूबर : ढंडारी खुर्द निवासी प्रीति (18) आर्थिक तंगी से दुखी होकर फंदा लगाकर मौत को गले लगा लिया।

3 नवंबर : डाबा एरिया निवासी 11वीं के छात्र मोहित मेहरा ने पढ़ाई से परेशान होकर फंदा लगा लिया।

30 सितंबर : दुगरी के प्रकाश नगर निवासी शालिनी 15 ने पंखे से फंदा लगा आत्महत्या कर ली।

13 नवंबर : हैबोवाल के गोगी मार्केट निवासी चेतन गंभीर (18) ने गर्लफ्रेंड द्वारा वीडियो कॉल से मना करने पर फंदा लगा लिया।

14 नवंबर : सलेम टाबरी के न्यू अमन नगर निवासी प्रितपाल सिंह उर्फ पारस (13) ने इसलिए फंदा लगाकर जान दे दी। क्योंकि उसकी मां ने उसके कहने के फौरन बाद उसे मोबाइल सिम लेकर नहीं दिया।


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