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'फिल्मी बाबे' ने ढोंगियों व अंधविश्वास से बचने का दिया संदेश

गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी के दूसरे पड़ाव के यूथ फेस्टिवल में बुधवार को प्रतिभागियों ने देश में फैली सामाजिक बुराइयों व पाखंडी व ढोंगी बाबाओं पर कटाक्ष किया। इन स्किट में सबसे अधिक लोटपोट 'फिल्मी बाबे' ने किया। इसमें एक विवादित डेरा प्रमुख की कहानी के जरिए अंध विश्वास व ढोंगियों से दूर रहने रहने का संदेश दिया गया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 15 Nov 2018 06:50 AM (IST)Updated: Thu, 15 Nov 2018 06:50 AM (IST)
'फिल्मी बाबे' ने ढोंगियों व अंधविश्वास से बचने का दिया संदेश
'फिल्मी बाबे' ने ढोंगियों व अंधविश्वास से बचने का दिया संदेश

जागरण संवाददाता, लुधियाना : गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी के दूसरे पड़ाव के यूथ फेस्टिवल में बुधवार को प्रतिभागियों ने देश में फैली सामाजिक बुराइयों व पाखंडी व ढोंगी बाबाओं पर कटाक्ष किया। इन स्किट में सबसे अधिक लोटपोट 'फिल्मी बाबे' ने किया। इसमें एक विवादित डेरा प्रमुख की कहानी के जरिए अंध विश्वास व ढोंगियों से दूर रहने रहने का संदेश दिया गया। इस स्किट के बाद 'चड्ढी पहन कर फूल खिला है' का मंचन हुआ जिसमें देश में फैले भ्रष्टाचार व भोलेभाले लोगों को भ्रम जाल में फंसाने वाले ढोंगियों पर कटाक्ष किया गया। इससे पहले महाभारत स्किट के जरिए स्वार्थी लोगों के चरित्र को उजागर किया गया। स्किट में दिखाया गया कि महाभारत के समय भी इतना स्वार्थ नहीं था, जितना कि अब हो गया। हर रिश्ता स्वार्थ साधने में लगा हुआ है। इसके अलावा पार्लियामेंट फिल्म 2019 स्किट से देश की राजनीति की तस्वीर को बयां किया। स्किट में राजनीति के गिरते स्तर पर कटाक्ष किया गया। वहीं नाटक ने भी दर्शकों को भावुक किया। नाटक सरहदें से पाकिस्तान से बेघर होकर भारत पहुंची एक लड़की के साथ हुई ज्यादतियों को प्रस्तुत किया गया। नाटक देवी ने सामाजिक बुराइयों के कारण महिलाओं पर लगी बंदिशों को बयां किया। नाटक झना के पानी से एक बेची गई औरत की दुखदायी कहानी को बयां किया। वहीं बलदे चिनार नाटक से कश्मीर में आतंकवाद की समस्या को रखा। 'मैं एक औरत होती हूं' नाटक से भारत पाकिस्तान के बंटवारे के समय दंगों व कत्लेआम के दर्द को चित्रित किया। नाटक 'जिगरी' के जरिए भू्रण हत्या पर किया कटाक्ष

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कार्यक्रम में आखिरी नाटक 'जिगरी' पेश किया गया। इसके जरिए भू्रण हत्या की बुराई को मंच पर रखा। इन सभी नाटकों ने दर्शकों की आंखे नम कर दी। इससे पहले सुबह माइम के मुकाबले हुए जिसमें प्रतिभागियों ने सामाजिक बुराइयों को उठाया। शाम पांच बजे से वन एक्ट प्ले, मोनो एक्टिंग व मिमिक्री के मुकाबले हुए। इसमें प्रतिभागियों ने अपनी बेहतरीन परफर्मेस से दर्शकों की खूब तालियां बंटोरी। इस मौके पर बतौर मुख्यातिथि पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ के निदेशक युवक भलाई डॉ. निर्मल जोड़ा व डॉ. कंवलजीत कौर नंदा शामिल हुई।


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