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Air Pollution: पंजाब में इस साल और बढ़ेगा पराली से प्रदूषण, चार साल बाद भी नहीं चालू हुए बायोमास प्लांट; जानें कारण

Air Pollution पंजाब सरकार ने पराली के साथ चलने वाले नए बायोमास प्लांट लाने के लिए चेन्नई की नीवेय इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड के साथ नवंबर 2017 में करार किया था। इसके तहत प्रदेश में 10 हजार करोड़ रुपये की लागत के साथ 400 बायोमास प्लांट लगाए जाने थे।

By Vipin KumarEdited By: Published: Sun, 29 Aug 2021 10:42 AM (IST)Updated: Sun, 29 Aug 2021 10:42 AM (IST)
पराली को आग लगाकर खेतों में जलाने का मुद्दा हर साल गंभीर होता जा रहा है। (सांकेतिक तस्वीर)

बठिंडा, [गुरप्रेम लहरी]। Air Pollution: प्रदेश में पराली को आग लगाकर खेतों में जलाने का मुद्दा हर साल गंभीर होता जा रहा है, लेकिन पंजाब सरकार समस्या के समाधान के लिए गंभीर नजर नहीं आ रही है। कैप्टन सरकार ने पराली के हल के लिए प्रदेश में 400 नए बायोमास प्लांट लगाने का एलान किया था। उक्त प्लांटों में हजारों टन पराली की उपयोग होना था, लेकिन अब तक एक भी नया बायोमास प्लांट शुरू नहीं हो सका है।

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दूसरी तरफ पराली की कीमतें घटाने से पंजाब और हरियाणा के मालिकों ने इस साल प्रदेश में पहले से चल रहे बायोमास प्लांटो को पराली की गाठें बनाकर सप्लाई करने से इन्कार कर दिया है। इस कारण इस साल पराली से होने वाले प्रदूषण का संकट और गहरा सकता है।पंजाब एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी के अनुसार मौजूदा समय प्रदेश में 11 बायोमास प्लांट चल रहे हैं।

इनमें प्रति साल 8.8 लाख मीट्रक टन पराली का प्रयोग हो रहा है। यह प्लांट 97.5 मेगावाट बिजली का उत्पादन कर रहे हैं। इन प्लांटों को पंजाब हरियाणा बेलर यूनियन धान की पराली गांठें बना कर सप्लाई करती है। यूनियन के नेताओं जगसीर सिंह सरपंच, कुलदीप सिंह भावड़ा, मोहन लाल फाजिल्का ने बताया कि साल 2012 में जब बायोमास प्लांट चालू हुए थे, तो उस समय बेलर मालिकों को 145 रुपये प्रति ¨क्वटल के हिसाब के साथ पराली का रेट दिया जाता था, परंतु अब प्लांट मालिकों ने रेट 20 रुपये घटाकर 125 रुपये कर दिया है। साल 2012 में प्रदेश में डीजल का रेट 45 रुपये लीटर था जोकि अब दोगुना हो गया है। ऐसे में महंगाई के समय में रेट बढ़ाने की जगह घटा दिया गया है। इस कारण इस बार पराली इकट्ठी करके प्लांटों को सप्लाई नहीं की जाएगी।

10 हजार करोड़ से लगने हैं 400 बायोमास प्लांट

पंजाब सरकार ने पराली के साथ चलने वाले नए बायोमास प्लांट लाने के लिए चेन्नई की नीवेय इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड के साथ नवंबर 2017 में करार किया था। इसके तहत प्रदेश में 10 हजार करोड़ रुपये की लागत के साथ 400 बायोमास प्लांट लगाए जाने थे। पहले प्लांट का नींवपत्थर 24 जुलाई 2018 को वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने ब¨ठडा जिले के गांव महमा सरजा में रखा था। इस प्लांट के लिए पंचायत ने 20 एकड़ जमीन भी दी थी। उस समय वित्तमंत्री ने एलान किया था कि प्लांट अक्टूबर 2018 के पहले सप्ताह तक शुरू हो जाएगा, परंतु उक्त पलांट अब तक शुरू नहीं हो सका। उधर, प्रदेश में बायोमास प्लांट लाने वाली नीवेय इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड के अधिकारी गौतम गर्ग का कहना है कि कंपनी धीरे-धीरे प्रदेश में बायोमास प्लांट लगा रही है। इन प्लांटों के लिए मशीनरी जर्मनी और इटली से आ रही है। जल्द ही बठिंडा में महिमा सरजा का प्लांट शुरू कर दिया जाएगा

पिछले साल पंजाब में 76,537 स्थानों पर जली थी पराली

पंजाब अंदर धान की कटाई का काम अक्टूबर के अंतिम हफ्ते समाप्त हो जाता है। इस दौरान पराली के धुएं के प्रदूषण से पंजाब ही नहीं बल्कि दिल्ली तक दम घुटने लगता है। खेती माहिरों अनुसार पंजाब में 30 लाख हेक्टेयर में अधिक धान की खेती होती है। हर साल 20 से 22 मिलियन टन पराली पैदा होती है। इसमें 75 से 80 प्रतिशत के करीब पराली खेतों में जला दी जाती है। पंजाब सरकार के आंकड़ों से अनुसार 2019 में 52,225 स्थानों पर पराली जलाई गई थी जबकि 1020 में बढ़कर पराली जलाने की घटनाएं 76,537 तक पहुंच गईं।


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