Traffic Signal पर रेड लाइट जंप करने वाले दूसरों के लिए भी बन रहे काल Ludhiana News
धुंध में चौराहों को पार करते समय बेहद चौकस रहने की जरूरत है। जरा सी लापरवाही बड़े हादसे का कारण बन सकती है। विगत तीन साल के दौरान हुए 660 सड़क हादसों में 977 लोगों की मौतें हुई।
लुधियाना, जेएनएन। शहर में ट्रैफिक सिग्नल पर रेड लाइट जंप करने वालों की कमी नहीं है। चौराहे पर पुलिस कर्मी की नजर घूमते ही दोपहिया व चार पहिया वाहन चालक अपनी व दूसरों की जान को जोखिम में डाल कर लाइट जंप कर जाते हैं। भले ही उससे वो किसी दुर्घटना का शिकार हो जाएं अथवा किसी दूसरे की जान चली जाए।
हालांकि अब पुलिस ने रेड लाइट जंप के लिए ई-चालान सिस्टम शुरू किया है, मगर उसे केवल छह चौराहों पर ही लागू किया गया है, जबकि शहर के सभी चौराहों पर लागू करने की जरूरत है। शहर के 42 चौराहे हैं, जहां ट्रैफिक के सिग्नल्स लगे हैं, इसके अलावा करीब 30 जगहों पर ब्लिंकर्स हैं और सभी ठीक हालात में हैं। रेड लाइट जंप के हर रोज 50 से 80 चालान किए जाते हैं। हर साल औसतन 20 हजार चालान होते हैं।
धुंध में चौराहों को पार करते समय बेहद चौकस रहने की जरूरत है। जरा सी लापरवाही बड़े हादसे का कारण बन सकती है। विगत तीन साल के दौरान हुए 660 सड़क हादसों में 977 लोगों की मौतें हुई। उनमें से 30 प्रतिशत हादसे धुंध में विजिबिलिटी न होने की वजह से हुए। पुलिस के पास ऐसा कोई आंकड़ा नहीं है कि रेड लाइट जंप करने वाले कितने लोग मरे या घायल हुए हैं।
बहुत सी सड़कों पर रोड मार्किंग ही नहीं
शहर में सड़क हादसों की वजह रोड मार्किंग का न होना भी है। शहर की बहुत सी सड़कों पर रोड मार्किंग नहीं है। किसी चौराहे पर स्टॉप लाइन नहीं है और न ही सही ढंग से बनाए गए जेब्रा-क्रॉ¨सग ही हैं। अज्ञानतावश कोई अधूरे बने जेब्रा-क्रॉसिंग पर चला भी जाए तो कोई बात नहीं, मगर जिन लोगों को उसके बारे में जानकारी है, वो भी शहर में बने अजीबो-गरीब जेब्रा-क्रॉसिंग को देख कर असमंजस में पड़ जाते हैं। नगर निगम ने न तो शहर की सड़कों पर रोड मार्किंग कराने का प्रयास किया, और न ही कभी जेब्रा-क्रॉसिंग को रोड मानकों के आधार पर बनाने की कोशिश की। यही कारण है कि शहर के अधिकतर वाहन चालकों को जेब्रा-क्रॉसिंग का मतलब भी नहीं पता।
पूरे शहर में ई-चालान करवाने के प्रयास जारी
डीसीपी ट्रेफिक सुखपाल सिंह बराड़ ने कहा कि ई-चालान छह चौराहों पर शुरू किया गया। आने वाले समय में शहर भर में लागू होगा। जेब्रा लाइन और साइड लाइन लगवाने के लिए भी हम नगर निगम के साथ संपर्क में हैं, हम निगम कमिश्नर और मेयर को कई बार पत्र लिखकर इसकी मांग कर चुके है, मगर इसका हल नहीं हो पा रहा है। यही नहीं ट्रैफिक को सुचारु करने और रेड लाइट जंप करने से होने वाले हादसे को रोकने के लिए भी हम काम कर रहे हैं। शहर में कई जगहों पर कार्य चल रहे हैं। समय-समय पर जेब्रा क्रॉसिंग लगवाई जाती हैं और यहां नहीं लगी हैं वहां पर फिर से जेब्रा-क्रॉ¨सग लगवाई जाएंगीं।
पुलिस द्वारा शुरू किया गया ई-चालान सिस्टम अच्छी पहल है, उसे शहर के सभी चौराहों पर लागू किया जाना चाहिए, ताकि रेड लाइट जंप पर अंकुश लग सके।
-सतिंदर सिंह, कारोबारी।
वाहन खरीदते ही प्रशासन रोड टैक्स जमा करवा लेता है, न कराने पर चालान काटा जाता है, मगर चलने लायक सड़क बनाने और उनकी मार्किंग करने पर कोई ध्यान नही देता।
-रविंदर सिंह, कारोबारी।
सड़कों की मार्किंग के साथ-साथ सड़कों के किनारों पर भी रिफ्लेक्टर लगाए जाने चाहिए, ताकि धुंध के समय वाहन चलाने वाले को सड़क का आइडिया होता रहे और दुर्घटना से बचाव किया जा सके।
-हरभजन सिंह, कारोबारी।
सड़कों पर जेब्रा क्रॉसिंग न होने के लिए सीधे-सीधे नगर निगम जिम्मेदार है। शहर के लोग टैक्स जमा करते हैं तो उसके बदले में सुविधा लेना उनका अधिकार है। लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
-सतपाल पुरी, पूर्व पार्षद, वार्ड 88।
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