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समाज सेवक तूर ने 101 बार रक्तदान कर बनाई अलग पहचान

विश्व रक्तदाता दिवस हर वर्ष 14 जून को मनाया जाता है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 14 Jun 2021 06:45 AM (IST)Updated: Mon, 14 Jun 2021 06:45 AM (IST)
समाज सेवक तूर ने 101 बार रक्तदान कर बनाई अलग पहचान

बिदु उप्पल, जगराओं

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विश्व रक्तदाता दिवस हर वर्ष 14 जून को मनाया जाता है। इसका उदेश्य रक्तदाता को यह जताना था कि रक्तदान सुरक्षित होने के साथ ही यह आवश्यक व्यक्ति में रक्त की पूर्ति करके किसी भी व्यक्ति की जान बचा सकता है। इस वर्ष विश्व रक्तदाता दिवस का थीम 'गिव ब्लड एंड कीप दा व‌र्ल्ड बीटिग' है। मेरे लिए हर वर्ष विश्व रक्तदाता दिवस एक नई प्रेरणा लेकर आता था और मैंने 26 जून, 1976 में पहली बार रक्तदान किया था और आखिरी बार 22 अगस्त 2017 को। यह कहना है प्रसिद्ध रक्तदाता एडवोकेट रघुवीर सिंह तूर का। जिला लुधियाना तहसील जगराओं के गांव ढोलन में जन्मे रघुबीर सिंह तूर ने 101 बार रक्तदान किया था ताकि उनके खून की एक-एक बूंद से किसी को नई जिदगी मिल सके। तूर ने सभी नौजवानों को जीवन में कम से कम एक या दो बार जरूर रक्तदान करने के लिए प्रेरित किया। समाज सेवक तूर ने कहा कि 101 बार रक्तदान करने से मेरी समाज में एक अलग पहचान बन गई और उसके दम पर जीवन में बुलंदियों को छुआ था। तूर ने सरकारी प्राइमरी स्कूल से लेकर अपने वकालत के कार्यकाल दौरान कई मान-सम्मान प्राप्त किए। उन्होंने बताया कि रक्तदान करने के लिए उनके एनसीसी टीचर प्रेम कुमार ने प्रेरित किया और मुझे सरकारी अस्पताल में जाकर सड़क दुघर्टना में घायल मरीज को रक्त देने के लिए भेजा और उनकी प्ररेणा से हर वर्ष रक्तदान करते रहे। तूर ने 16 वर्ष की उम्र में जगराओं की अखाड़ा नहर में पांच वर्ष की बच्ची को डूबने से बचाया था जिसको लेकर उनको 26 जनवरी, 1979 को पहली बार मनाए गए चिल्ड्रन ईयर में राष्ट्रपति ने बेस्ट चाइल्ड आफ दा ईयर के अवार्ड से सम्मानित किया था। तूर पंजाब से केवल पहले एक बच्चे थे जिसको यह बहादुरी अवार्ड मिला था। उनको 28 जनवरी, 1982 को तत्कालीन प्रधानमंत्री ने गणतंत्र दिवस पर सम्मानित किया था। वर्ष 1979 में उनको एनसीसी में पंजाब, हरियाणा, हिमाचल का प्रतिनिधित्व करने के लिए डायरेक्टर जनरल आफ एनसीसी से अवार्ड मिला था। इसके अलावा वे बेहतरीन खिलाड़ी भी रहे और वे 100 से 400 मीटर दौड़ में आल इंडिया स्तर पर कई गोल्ड पदक जीत चुके है। तूर को म्यूनिसिपल कमेटी के प्रधान से लेकर मुख्यमंत्री, तहसीलदार, गर्वनर, सब-जज, हाई कोर्ट के जस्टिस समय-समय पर सम्मानित कर चुके है।

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स्टार ब्लड डोनर अवार्ड से हो चुके हैं सम्मानित

तूर ने बताया कि वर्ष 2014 में 89 बार रक्तदान करने पर गवर्नर कप्तान सिंह सोलंकी ने स्टार ब्लड डोनर अवार्ड से सम्मानित किया था। उनका नाम पद्मश्री के लिए चयनित हुअ था जब उनको अवार्ड संबंधी पहला पत्र आया तब वो अस्पताल में उपचारधीन थे। पर्यावरण प्रेमी रघुवीर सिंह तूर समय-समय पर पौधारोपण व अस्पताल में जाकर जरूरतमंदों की मदद करते हैं। वो अपनी इस कामयाबी के लिए अपने दादा स्वतंत्रता सेनानी चनन सिंह तूर, पिता अमीर सिंह तूर के आशीर्वाद व पत्नी चरणजीत कौर तूर व बेटे अमरजोत सिंह तूर व बेटी हसप्रीत कौर के सहयोग को श्रेय देते हैं।


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