अजीब फरमान, भीख दी तो होगा सामाजिक बहिष्कार
लुधियाना के समराला क्षेत्र के कई गांवों में लोगों ने भिखारियाें को भीख देना बंद कर दिया है। इन गांवों में लोगाें ने फैसला किया है कि भीख देने वालों का सामाजिक बहिष्कार होगा।
समराला [धर्मेद्र सचदेवा]। भले ही यह बात जरा अटपटी लगे, लेकिन यह हकीकत है। समराला के कुछ ऐसे गांव हैं, जहां जाने से अब भिखारी कतराने लगे हैं, क्योंकि उन्हें कोई भीख नहीं देता। गांव के लोगों ने भिखारियों की हरकतों से परेशान होकर न सिर्फ इनका बायकाट कर दिया, बल्कि उन्हें भीख देने वालों का भी सामाजिक बहिष्कार करने के साथ जुर्माने की चेतावनी दे डाली।
इस संबंध में पंचायतों ने बाकायदा गांव में नोटिस बोर्ड तक लगा दिए हैं। गांव वालों ने यह कदम उस समय उठाया, जब पता चला कि एक गिरोह इसका संचालन कर रहा है। यह भिखारी बाकायदा मोटरसाइकिल पहुंचते हैं और गांव के बाहर मोटरसाइकिल खड़ा करके कपड़े बदल भीख मांगना शुरू कर देते हैं।
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भिखारियों के खिलाफ पहला कदम गांव दयालपुरा में उठाया गया। उसके बाद गांव बोंदली, बरमा और अन्य गांवों ने भी ऐसा कदम उठाया गया। गांव दयालपुरा निवासी ज्वाला सिंह ने कहा कि भीख की आड़ में आपराधिक घटनाएं भी बढ़ रही थीं। गांव बोंदली के सरपंच रणजीत सिंह का कहना है कि यह फैसला दो महीने पहले ही गांव के लोगों ने इकट्ठे होकर लिया था जो सफलतापूर्वक चल रहा है।
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लुधियाना शहर में भी आम चौक-चौराहों पर भिखारियों को वाहन चालकों से भीख मांगते देखा जा सकता है। इन पर भी कार्रवाई करने की आवश्यकता है।